हालात कुछ इस कदर खराब हुए हैं कि जिले के पुलिस कप्तान को भी अब रास्ता बदलकर अपने आवास तक पहुंचना पड़ रहा है. स्थानीय निवासी तथा राजद झुग्गी झोपड़ी प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष संतोष भारती ने कहा कि सरकार और स्थानीय प्रशासन किसी का भी ध्यान इस जन समस्या पर नहीं है.
- भारी बरसात के कारण मिट्टी का कटाव तेज
- जल निकासी की समस्या से जूझ रहे हैं सारीमपुर के लोग
बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : मानसून की बारिश से जहां किसानों के चेहरे पर हर्ष का माहौल दिखाई दे रहा है वही नगर के सारीमपुर मोहल्ले के निवासियों के लिए यह बारिश आफत की बारिश बन कर आई है. राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के निर्देशन में पीएनसी इंफ्राटेक कंपनी के द्वारा नवनिर्मित गंगा पुल को सड़क से जोड़ने के लिए जो मिट्टी भरी गई है, वह मिट्टी बरसात में कटकर सारीपुर आने वाले मार्ग को अवरुद्ध कर चुकी है. ऐसे में सड़क भी ध्वस्त होने के कगार पर पहुंच गई. सारीमपुर से जल निकासी के लिए जो नालियां बनाई गई थी सड़क व पुल निर्माण के दौरान वह पहले ही ध्वस्त हो चुकी हैं. हालात कुछ इस कदर खराब हुए हैं कि जिले के पुलिस कप्तान को भी अब रास्ता बदलकर अपने आवास तक पहुंचना पड़ रहा है. स्थानीय निवासी तथा राजद झुग्गी झोपड़ी प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष संतोष भारती ने कहा कि सरकार और स्थानीय प्रशासन किसी का भी ध्यान इस जन-समस्या पर नहीं है जिसका खामियाजा सारीमपुर के निवासी भुगत रहे हैं.
कांग्रेस नेता और वार्ड पार्षद प्रतिनिधि बाबर अली बताते हैं कि नगर परिषद के चेयरमैन और कार्यपालक पदाधिकारी के द्वारा भी जल निकासी का कोई प्रबंध नहीं किया जा रहा है एनएचएआई के द्वारा सड़क निर्माण के दौरान नालियों को अवरुद्ध कर दिया गया है. अब जल निकासी की बहुत बड़ी समस्या है जिससे कि लोग जूझ रहे हैं कई घरों में पानी प्रवेश कर गया है. इसके अतिरिक्त सड़क निर्माण के दौरान जो मिट्टी भरी गई है वह मिट्टीबरसात में बहकर सारीमपुर में आने वाले मार्ग को भी अवरुद्ध कर रही है.
सड़क निर्माण कंपनी की लापरवाही के कारण हुआ यह हाल : मुख्य पार्षद प्रतिनिधि
मुख्य पार्षद प्रतिनिधि नियामतुल्लाह फरिदी ने बताया कि सड़क निर्माण कंपनी के द्वारा निर्माण के दौरान मिट्टी के बहाव को रोकने के लिए व्यवस्था नहीं की गई है, जिसके कारण यह समस्या आ रही. जल निकासी के लिए भी पंपिंग सेट आदि को लगाए जाने का प्रयास किया जा रहा है. जल्द ही समस्या तात्कालिक समाधान किया जाएगा. बाद में स्थाई समाधान ढूंढने का भी प्रयास किया जाएगा.
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