अतिथि शिक्षकों को नियमित करने की मांग ..

अतिथि शिक्षकों की सेवा से विद्यालयों में शिक्षा का नाम गुणात्मक सुधार आया है और परिणाम भी उत्साहवर्धक हैं. अतिथि शिक्षकों की सेवा चुनाव, मतगणना आदि में राज्यकर्मियों की तरह ली जाती रही हैं.






- अतिथि शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष ने उठाई मांग
- पूछा - कार्य सरकारी सेवक की तरह तो मानदेय क्यों नहीं?

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : उच्चतर माध्यमिक अतिथि शिक्षक संघ ने राज्य में +2 विद्यालयों में कार्यरत सभी अतिथि शिक्षकों को नियमित करने की मांग की है. अतिथि शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष ब्रजेश दत्त पांडेय ने कहा कि राज्य में करीब चार हज़ार अतिथि शिक्षक पांच साल से +2 विद्यालयों में अपनी सेवा दे रहे हैं और उनके मानदेय में एक पैसा की बढ़ोतरी नहीं हुई हैं.

अतिथि शिक्षकों की सेवा से विद्यालयों में शिक्षा का नाम गुणात्मक सुधार आया है और परिणाम भी उत्साहवर्धक हैं. अतिथि शिक्षकों की सेवा चुनाव, मतगणना आदि में राज्यकर्मियों की तरह ली जाती रही हैं इसलिए सभी अतिथि शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देते हुए सेवा नियमित की जाए.

अतिथि शिक्षक संघ जिलाध्यक्ष ने बताया कि राज्य में आधे से अधिक महिला  ही अतिथि शिक्षकों के रूप में कार्यरत हैं और उन्हें किसी प्रकार की अवकाश देय नहीं हैं. उन्होंने कहा कि सभी अतिथि शिक्षक स्नातकोत्तर डिग्री एवं बी एड डिग्री हासिल कर विद्यालयों में अपनी सेवा दे रहे हैं और एन सी टी ई के प्रावधानों के अनुसार +2 विद्यालयों में नियमित सेवा के लिए अर्ह है.

श्री पांडेय ने बताया कि अतिथि शिक्षकों का मानदेय न्यूनतम मजदूरी से भी कम है. अतः उन्होंने राज्य सरकार से मानदेय बढ़ाने मासिक वेतन तय करने और सेवा 60 साल तक नियमित करने की मांग की है.









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