यह बताया गया कि वामन भगवान का मंदिर अति प्राचीन मंदिर है जो कि त्रेता युग के आसपास स्थापित किया गया था कालांतर में इसे जेल प्रशासन के द्वारा जेल परिसर के अंदर ले लिया गया अब जेल प्रशासन के द्वारा मनमाने ढंग से मुख्य द्वार खोला जाता है.
- कारा निरीक्षक टीम से मिले भगवान वामन मुक्ति अभियान समिति के सदस्य
- कहा - या तो जेल को हटाए या करें भगवान वामन के मंदिर परिसर को अलग
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : केंद्रीय कारा परिसर में अवस्थित भगवान वामनेश्वर मंदिर को केंद्रीय कारागार परिसर से बाहर करने की मांग सदा से उठती रही है. बक्सर में भगवान वामन जन्मभूमि मुक्ति अभियान समिति के द्वारा एक बार फिर इस मांग को जोरदार तरीके से उठाया गया है और कहा गया है कि या तो जेल को यहां से हटाया जाए या फिर मंदिर परिसर को अलग किया जाए. बक्सर केंद्रीय कारागार निरीक्षण करने पहुंची कारा एवं सुधार निरीक्षक टीम को समिति के सदस्यों के द्वारा मांग पत्र सौंपा गया. मांग पत्र पर निरीक्षक टीम के द्वारा सहानुभूति पूर्वक विचार करने की बात कही गई. साथ ही यह भी कहा गया कि वर्तमान में वामनेश्वर मंदिर के खुलने और बंद होने का समय भी निर्धारित कर मंदिर के सामने प्रदर्शित किया जाएगा.
पटना से जेल का निरीक्षण करने पहुंची निरीक्षक टीम के सदस्यों में शामिल बिहार विधानपरिषद सदस्य अनिल शर्मा एवं राजेन्द्र प्रसाद गुप्ता से मिलने के लिए पहुंचे भगवान वामन मुक्ति अभियान समिति के महासचिव सनातनी सौरभ चौबे एवं सचिव राघव कुमार पांडेय ने सयुक्त रूप से बताया कि कारा निरीक्षक टीम के सदस्य एवं बिहार विधानसभा परिषद सदस्य राजेंद्र प्रसाद गुप्ता एवं अनिल शर्मा को मांग पत्र सौंपा गया और यह बताया गया कि वामन भगवान का मंदिर अति प्राचीन मंदिर है जो कि त्रेता युग के आसपास स्थापित किया गया था कालांतर में इसे जेल प्रशासन के द्वारा जेल परिसर के अंदर ले लिया गया अब जेल प्रशासन के द्वारा मनमाने ढंग से मुख्य द्वार खोला जाता है.
वामन द्वादशी में देश भर से पहुंचते हैं श्रद्धालु :
उन्होंने कहा कि वामन द्वादशी के दिन पूरे भारतवर्ष से लाखों की संख्या में श्रद्धालु भगवान के दर्शन पूजन के लिए पहुंचते हैं. प्रत्येक बृहस्पतिवार को महाआरती भी होती है. लेकिन जेल की प्रशासन के द्वारा शाम 7:00 बजे के बाद द्वार बंद कर दिया जाता है, जिसके कारण पूजा पाठ करना भी मुश्किल हो जाता है. इस वजह से ऐसा प्रतीत होता है जैसे यहां अब भी अंग्रेजों का शासन हो.
या तो जेल हटाएं या मंदिर का परिसर करें अलग :
महासचिव ने बताया कि जो मांग पत्र सौंपा गया है उसमें कहा गया है कि या तो केंद्रीय कारा को ही कहीं अन्यत्र शिफ्ट कर दिया जाए अथवा मंदिर की बाउंड्री अलग कर दी जाए जिससे कि श्रद्धालुओं को पूजा पाठ करने में कोई असुविधा ना हो.
मौके पर भगवान वामन मुक्ति अभियान समिति के सचिव राघव पांडेय के अतिरिक्त महासचिव सनातनी सौरभ चौबे,राजेश कुमार सदस्य, पंकज उपाध्याय मीडिया प्रभारी, भाजपा नेता प्रदीप दुबे, भाजपा नेता संतोष रंजन राय, अरुण ओझा, सोनू ओझा आदि मौजूद थे.
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