सत्संग के बिना सद्गुरु की प्राप्ति और सद्गुरु के बिना भवाकार वृत्ति का भगवदाकार वृत्ति में परिवर्तन संभव नहीं है. जगदंबा पार्वती ने भगवान शिव के साथ सत्संग किया. उस सत्संग के फलस्वरूप श्रीराम कथा - कथामृत का प्राकट्य हुआ.
- नगर के रामेश्वर नाथ मंदिर में आयोजित है नौ दिवसीय रामकथा
- आचार्य डॉ भारत भूषण महाराज समझाया सत्संग का महत्व
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : श्रावण पुरुषोत्तम मास के अवसर पर सिद्धाश्रम रामरेखा घाट पर रामेश्वर नाथ मंदिर में आयोजित नौदिवसीय श्रीराम कथा के दूसरे दिन प्रवचन करते हुए प्रख्यात भागवत-वक्ता आचार्य (डॉ ) भारतभूषण जी महाराज ने कहा कि गुरु के बिना संसार सागर से पार नहीं पाया जा सकता. सत्संग के बिना सद्गुरु की प्राप्ति और सद्गुरु के बिना भवाकार वृत्ति का भगवदाकार वृत्ति में परिवर्तन संभव नहीं है. जगदंबा पार्वती ने भगवान शिव के साथ सत्संग किया. उस सत्संग के फलस्वरूप श्रीराम कथा - कथामृत का प्राकट्य हुआ.
देवर्षि नारद जी को भी निरंतर सत्संग करना पड़ता है. क्षण भर के लिए कामदेव से की गई वार्ता ने काम, क्रोध और अहंकार को उनके हृदय में उत्पन्न कर दिया. जब भगवान ने कृपापूर्वक उनके हृदय का शोधन किया तब उन्हें भगवान शिव की महिमा और उनके उपदेश का महत्व समझ में आया. शान्ति प्राप्त करने और प्रायश्चित करने के लिए भगवान श्रीमन्नारायण की आज्ञा से देवर्षि नारद जी ने शिव शतनाम स्तोत्र का पाठ किया और भगवान की कथा का लोकों में प्रचार किया.
आचार्य ने कहा कि देवर्षि नारद जी जैसे सद्गुरु ने जगदंबा पार्वती जी को शिव मंत्र, ध्रुव जी को वासुदेव मंत्र और प्रह्लाद जी को नृसिंह मंत्र का उपदेश दिया और तीनों ही अपनी साधना में सिद्ध हुए तथा इष्टदेव की प्राप्ति की. इस अवसर पर मुख्य यजमान कमलेश्वर तिवारी ने पूजन - अर्चन किया. स्वागत रामस्वरूप अग्रवाल और संचालन ब्रजकिशोर पांडेय ने किया. कथा में वैकुंठ नाथ शर्मा,अजय उपाध्याय, सियाराम मिश्र, मनोज उपाध्याय, मुन्ना पांडेय, विक्की बाबा, जगदीश जायसवाल, उपेन्द्र दूबे आदि प्रमुख लोगों ने सहभाग किया. क्षेत्र के तमाम श्रद्धालु भक्तों ने उत्साहपूर्वक कथा श्रवण किया.
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