पौराणिक स्थलों का आसमान से लिया गया जायजा, स्थापित होगी भगवान राम की विशाल प्रतिमा ..

विशेषज्ञों ने सभी जगहों का भ्रमण किया. फिर ड्रोन से मैपिंग की गई है. अब 3डी डीपीआर तैयार किया जाएगा. इसके उपरांत प्रमुख स्थानों के कायाकल्प की प्रक्रिया शुरू होगी. इसका मकसद बक्सर के सांस्कृतिक-आध्यात्मिक धरोहर को पर्यटन के मानचित्र पर उभारना है.

 






- पर्यटन के दृष्टिकोण से भव्य स्वरूप में तब्दील होगा जिला मुख्यालय 
- विशेषज्ञों ने ड्रोन के माध्यम से किया पौराणिक स्थलों का जिओ मैपिंग सर्वे

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : केंद्रीय मंत्री सह स्थानीय सांसद अश्विनी कुमार चौबे की पहल पर बक्सर के पौराणिक स्थलों को विश्व के पर्यटन के दृष्टिकोण से भव्य स्वरूप दिलाने के लिए प्रयास की कड़ी में जियो मैपिंग सर्वे किया गया है. हाल ही में पौराणिक मंदिरों को भव्य एवं दिव्य स्वरूप देने वाले विशेषज्ञों ने रामेश्वर नाथ मंदिर, वामनेश्वर मंदिर,  लाइट एंड साउंड रामरेखा घाट, पंचकोशी सहित भगवान श्रीराम से जुड़े प्रमुख स्थलों का भ्रमण किया था. उनकी रिपोर्ट के बाद ड्रोन के माध्यम से जिओ मैपिंग सर्वे कराया गया है. नवंबर 2022 में केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के संयोजन में बक्सर के अहिरौली में आयोजित सनातन संस्कृति समागम में बक्सर में विश्व की सबसे ऊंची भगवान श्री राम की पराक्रमी प्रतिमा लगाने का संकल्प लिया गया था. इस कड़ी में यह कवायद की जा रही है

गुरुवार को दक्षिण भारत से आए विशेषज्ञों ने सभी जगहों का भ्रमण किया. फिर ड्रोन से मैपिंग की गई है. अब 3डी डीपीआर तैयार किया जाएगा. इसके उपरांत प्रमुख स्थानों के कायाकल्प की प्रक्रिया शुरू होगी. इसका मकसद बक्सर के सांस्कृतिक-आध्यात्मिक धरोहर को पर्यटन के मानचित्र पर उभारना है. 

qड्रोन से मैपिंग टीम में ड्रॉइड सुरवायर प्राइवेट लिमिटेड नागपुर के गौरव ब्रम्हणकर, रौनक दातिर, अमित सिंह, मिथिलेश गजभिए, प्रतिल समृत, भरत भंडारी शामिल थे. उन्होंने प्रमुख स्थलों का ड्रोन से मैपिंग की है. सेटेलाइट के माध्यम से भी तस्वीरों को प्राप्त किया है.12 जुलाई को पुरातत्व से संबंधित दक्षिण भारत के विशेषज्ञों ने भी प्रमुख स्थलों का भ्रमण किया था.









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