ऋषियों का मान रखने के लिए श्रीराम ने छोड़ दिया राजमहल : आचार्य डॉ भारतभूषण

राजमहल को छोड़कर संतों - भक्तों और ऋषि - मुनियों का दर्शन करने वन में चले गए. वनवासी लोगों, केवट, कोल - भिल्लों तथा वन के पशु - पक्षियों के साथ सहज आत्मीयता का दर्शन भगवान श्रीराम के वनवास में दिख रहा है. 

 





- दिवसीय कथा के आठवें दिन आचार्य ने किया श्री राम चरित्र का वर्णन
- कहा - प्राणी के परम प्रेम तथा सहज एकता-एकात्मता की कथा है श्रीराम कथा
- कहा - ऋषियों की तपस्या को सफल करने के श्रीराम ने किया वनवास 

बक्सर टॉप न्यूज़, श्रावण पुरुषोत्तम मास में सिद्धाश्रम रामरेखा घाट स्थित Coaching नाथ मंदिर में आयोजित नौ दिवसीय श्रीराम कथा के आज आठवें दिन प्रवचन करते हुए प्रख्यात भागवत-वक्ता आचार्य डॉ भारतभूषण जी महाराज ने कहा कि राजधानी अयोध्या के राजमहल को छोड़कर संतों - भक्तों और ऋषि - मुनियों का दर्शन करने वन में चले गए. वनवासी लोगों, केवट, कोल - भिल्लों तथा वन के पशु - पक्षियों के साथ सहज आत्मीयता का दर्शन भगवान श्रीराम के वनवास में दिख रहा है. अयोध्या, मिथिला के पुरवासियों की जिस प्रकार खुले हृदय से वनवासी चित्रकूट में सेवा कर रहे हैं उससे रामप्रेम और रामभक्ति का अद्भुत दृश्य उपस्थापित हो रहा है. 

आचार्य ने कहा कि पुरवासियों को वनवासियों के व्यवहार से सुखद आश्चर्य हो रहा है किंतु वनवासियों का शील व उनकी विनम्रता श्लाघनीय है. वे कहते हैं कि यह रघुनंदन दरस प्रभाउ - यह सारी सेवा और विनम्रता राघवेन्द्र के दर्शन का ही फल है. आचार्य ने कहा कि प्राणी मात्र के परमप्रेम और उनकी सहज एकता - एकात्मकता की आधारशिला तथा प्रेरणा है रामकथा. नर - वानर की एकता और इससे रावण के अराजक उपद्रवी शासन का अंत इतिहास का सबसे बड़ा एकता तथा पुरुषार्थ का उदाहरण है. आचार्य ने कहा कि परात्पर परब्रह्म परमात्मा श्रीराम बनकर वनवास के माध्यम से नगरवासियों, ग्रामवासियों, मगवासियों, तटवासियों और वनवासियों को अपने दर्शनों से कृतार्थ कर रहे हैं. वे रामायण में सर्वसुलभ और सबके लिए सुगम हो गये हैं. 


इस अवसर पर मुख्य यजमान कमलेश्वर तिवारी, सचिव रामस्वरूप अग्रवाल, प्रभंजन भारद्वाज आदि ने व्यासपीठ का पूजन किया. कथा में आचार्य कन्हैया पाठक, प्रो त्रिलोकी नाथ पांडेय, विक्की बाबा, कपिल मुनि पांडेय, रामराघवेंद्र पंडित, बक्सर मुख्य पार्षद प्रतिनिधि नियामतुल्लाह फरीदी, मुन्ना पांडेय, गोवर्धन पांडेय, पं संजय शास्त्री, पं अनिल पांडेय, रामेश्वर नाथ मंदिर महिला मंडल  संध्या देवी, सुमिता दूबे, सीता देवी, मंजु देवी, उपेन्द्र दूबे आदि प्रमुख लोगों ने सहभाग किया और श्रोताओं का स्वागत किया.









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