वीडियो : जुमला है श्रीराम की प्रतिमा, अश्विनी चौबे हैं आश्वासन बाबा : महंत राजाराम शरण दास

सिर पर चुनाव दिख रहा है तो भगवान राम की प्रतिमा लगाने की बात कह रहे हैं. लेकिन उनसे न तो राम और ही हनुमान की प्रतिमा. उनका नाम ही गलत रख दिया गया है. उनका नाम तो आश्वासन बाबा होना चाहिए जो आश्वासन देकर केवल चुनाव जीतने में लगे रहते हैं. 






- सीताराम विवाह महोत्सव आश्रम के महंत ने कही बात
- महंत की भविष्यवाणी से मचा है हड़कम्प

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : सीताराम विवाह महोत्सव आश्रम के महंत व देश स्तर के संत राजा राम शरण दास जी महाराज ने भविष्यवाणी करते हुए बताया है कि, बक्सर में भगवान श्रीराम की विश्व का सबसे बड़ी 1008 फ़ीट की प्रतिमा नही लगेगी. स्थानीय सांसद केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे उर्फ आश्वासन बाबा केवल चुनावी जुमला पढ़ रहे है. पिछले 9 सालों में इन्होंने तमाम वादे किए लेकिन कोई भी वादा धरातल पर नहीं उतरा. प्रतिमा स्थापना तब तक नहीं हो सकती जब तक इन्हें संतों का आशीर्वाद प्राप्त नहीं हो लेकिन इन्होंने आज तक संत समाज से इस पर कोई चर्चा भी नहीं की.

संत राजा राम शरण दास जी महाराज की इस भविष्यवाणी के बाद, भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की बेचैनी बढ़ गई है. राष्ट्रीय सन्त राजा राम जी शरण दास महाराज ने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि, सन 1975 से लेकर अब तक बक्सर में कई सांसद हुए लेकिन एक भी सांसद यह बता दें कि उन्होंने जो घोषणा की उसमें से एक भी कोई वादा पूरा किया हो. ऐसा होगा तो हम अपना नाम बदल लेंगे. अपने 9 साल के कार्यकाल में मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कई घोषणाएं की लेकिन एक भी घोषणा पूरी नहीं हुई अब सिर पर चुनाव दिख रहा है तो भगवान राम की प्रतिमा लगाने की बात कह रहे हैं. लेकिन उनसे न तो राम और ही हनुमान की प्रतिमा लग पाएगी उनका नाम ही गलत रख दिया गया है. उनका नाम तो आश्वासन बाबा होना चाहिए जो आश्वासन देकर केवल चुनाव जीतने में लगे रहते हैं. हालांकि, इस बार बक्सर की जनता भी उन्हें आश्वासन ही देगी जिसके बाद उनकी विदाई तय है.

दरअसल, भगवान श्री राम की भव्य प्रतिमा के माॅडल का रविवार को जिला अतिथिगृह के सभागार में प्रदर्शन हुआ था. जिला प्रशासन और केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के सामने प्रेजेंटेशन दिया गया था किया गया. बाद में प्रशासनिक अधिकारियों के साथ के साथ केंद्रीय मंत्री ने रामरेखा घाट का दौरा भी किया.

इसके पूर्व बक्सर में 1008 फीट का पराक्रमी श्रीराम की प्रतिमा लगाने की घोषणा उस वक्त हुई थी जब अहिल्या की उद्धार स्थली अहिरौली में सन्त समागम के दौरान पहुंचे सन्त रामभद्राचार्य जी ने मंच से इसकी इच्छा जताई थी. जिसके बाद कई बैठकें हुई और मॉडल को डिस्प्ले कर यह बताया गया कि विश्व प्रसिद्ध रामरेखा घाट पर इस भव्य प्रतिमा की 
स्थापना होगी जिसपर भारतीय जनता पार्टी के नेताओ ने पहले ही आपत्ति जताते हुए कहा था कि इतनी ऊंची प्रतिमा लगाने के लिए 50 एकड़ भूमि की जरूरत पड़ेगी. जिस शहर में केंद्रीय विद्यालय के लिए 5 एकड़ भूमि नही मिल रहा है. वहां 50 एकड़ भूमि कहां से आएगी?

वीडियो : 








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