वीडियो : 2024 के पहले सनातन पर जुबानी जंग : "डेंगू", "फर्जी", "छुरछुरी पटाखा" पर चर्चा जारी ..

कहा कि केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे लगातार बयान देते रहते हैं छुरछुरी पटाखा की तरह. लेकिन उन्हें क्या पता कि बिहार की सरकार न सिर्फ कब्रिस्तानों की घेराबंदी करती है बल्कि धार्मिक न्यास बोर्ड के तहत कई मंदिरों की भी घेरा बंदी करने का कार्य करती है.







- उदयनिधि स्टालिन के बयान के बाद अश्विनी चौबे और नीरज सिंह के भी बयान आए सामने
- 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले खूब चल रहे हैं बयानों के तीर

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर  : "सनातन को मिटा देना चाहिए.. "बाबर और अकबर नहीं मिटा सके तो इनकी औकात क्या?" वो फर्जी सनातनी हैं .." "छुरछुरी पटाखा हैं.."उन्हें सनातनियों की चिंता नहीं.." इस तरह का बयान आजकल चर्चा में हैं.

दरअसल, लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर तमाम पार्टियों ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी एनडीए के सामने चुनौती के रूप में उभर रहे इंडिया गठबंधन की बैठकें लगातार जारी हैं. इसी बीच तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन ने एक कार्यक्रम के दौरान सनातन धर्म की तुलना डेंगू और मलेरिया से कर दी और कहा कि इसके उन्मूलन के लिए अभियान चलाया जाना चाहिए. उनके इस बयान पर बक्सर सांसद सह केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कड़ी प्रतिक्रिया दी और कहा कि सनातन को मिटाने वाले स्वयं ही मिट जाएंगे. जब बाबर और औरंगजेब सनातन को नहीं मिटा सके तो इनकी क्या औकात? उन्होंने कहा कि अभियान निश्चित थी दुर्भाग्यपूर्ण है और इस पर इंडिया गठबंधन के नेताओं की कोई प्रतिक्रिया और स्पष्टीकरण नहीं आना उससे भी दुर्भाग्यपूर्ण है. 

उधर बक्सर पहुंचे जदयू के प्रवक्ता नीरज कुमार केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे को फर्जी सनातनी बता दिया उन्होंने कहा कि त्रिपुंडरी जनेऊधारी और शिखाधारी अश्विनी चौबे यह क्यों भूल जाते हैं कि मुगल शासको के बाद सबसे अधिक मंदिर अगर तोड़े गए हैं तो नरेंद्र मोदी के शासनकाल में ही तोड़े गए. 24 सौ से ज्यादा मंदिर तोड़े गए हैं. उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे लगातार बयान देते रहते हैं छुरछुरी पटाखा की तरह. लेकिन उन्हें क्या पता कि बिहार की सरकार न सिर्फ कब्रिस्तानों की घेराबंदी करती है बल्कि धार्मिक न्यास बोर्ड के तहत कई मंदिरों की भी घेरा बंदी करने का कार्य करती है.

केंद्रीय भारतीय अश्विनी कुमार चौबे के इस बयान पर संसद का केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा है कि जिस व्यक्ति को अपने पूर्वजों का नाम नहीं याद है. वह सनातन के बारे में क्या बात करेंगे? उन्होंने कहा कैसे लोग आते और जाते रहते हैं. इसे सनातन को कोई फर्क नहीं पड़ने वाला.

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