वीडियो : फाइलेरिया और कृमि मुक्ति की दवा खाकर तीन दर्जन से ज्यादा स्कूली बच्चे बीमार ..

दवा खाने के कुछ ही देर बाद बच्चों ने तबीयत खराब होने की शिकायत की. पहले तो शिक्षकों ने उन्हें कुछ देर विश्राम करने को कहा लेकिन फिर भी जब तबीयत ठीक नहीं हुई तो उन्हें अलग-अलग अस्पतालों में ले जाया गया.






- इटाढ़ी प्रखंड के चिलबिला मध्य विद्यालय का है मामला
- अलग-अलग अस्पतालों में किया जा रहा है इलाज

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : जिले के इटाढ़ी प्रखंड के चिलबिला गांव में फाइलेरिया और कृमि मुक्ति की दवा खाने के बाद तकरीबन 40 बच्चे बीमार हो गए. कुछ बच्चे बेहोश हो गए तो कुछ ने जी मिचलाने और सिर में दर्द की शिकायत की. आनन-फानन में उन्हें अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जहां फिलहाल उनका इलाज जारी है. इस घटना के बाद विद्यालय के शिक्षक और दवा खिलाने वाली आशा कर्मी गायब हो गई हैं. वहीं परिजनों का यह आरोप है कि निश्चय ही दवा को खिलाने के दौरान की गई लापरवाही के कारण इस तरह का हादसा हुआ है.


घटना के संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक राज्य स्वास्थ्य समिति के द्वारा चलाए जा रहे अभियान के तहत जिले के सभी सरकारी विद्यालयों में बच्चों को फाइलेरिया एवं कृमि मुक्ति की दवा खिलाई जा रही है. इसी क्रम में आशाकर्मी इटाढ़ी प्रखंड के चिलबिला मध्य विद्यालय पहुंची जहां उन्होंने बच्चों को कृमि मुक्ति और फाइलेरिया की दवा खिलाई. दवा खाने के कुछ ही देर बाद बच्चों ने तबीयत खराब होने की शिकायत की. पहले तो शिक्षकों ने उन्हें कुछ देर विश्राम करने को कहा लेकिन फिर भी जब तबीयत ठीक नहीं हुई तो उन्हें अलग-अलग अस्पतालों में ले जाया गया.

खाली पेट दवा खाने के कारण हुई परेशानी :

बीमार बच्चों ने कहा कि उन्होंने जब दवा खाई तो उसे उसके पहले उन्होंने भोजन के रूप में कुछ भी नहीं लिया था. दवा खाने के तुरंत बाद ही उनकी तबीयत खराब होने लगी. उधर परिजनों का भी यह कहना है कि बच्चे बिना खाए पिए गए थे. शायद इसी के कारण उनकी तबीयत खराब हो गई है. 


स्वास्थ्य कर्मियों को होनी चाहिए संपूर्ण जानकारी : डॉ मनोज

पूर्व जिला परिषद सदस्य तथा रोगी कल्याण समिति के सदस्य डॉ मनोज यादव ने कहा है कि जिस प्रकार से बच्चे बीमार हुए हैं उन पर स्थितियों को देखने के बाद ऐसा लग रहा है की दवा खिलाने के दौरान ही लापरवाही बरती गई है. बिना भोजन कराए दवा खिला दी. ऐसे में जो भी स्वास्थ्य कर्मी दवा खिलाने जा रहे हैं उनका प्रशिक्षित होना जरूरी था. 

कहते हैं चिकित्सक :
बच्चों को एल्बेंडाजोल और फाइलेरिया की दवा खिलाई गई. जिसके बाद उनकी तबीयत खराब हो गई है. ऐसा माना जा रहा है कि खाली पेट दवा खाने के कारण इस तरह की परेशानी हुई है. हालांकि प्राथमिक उपचार के बाद बच्चों की स्थिति सामान्य है लेकिन उन्हें चिकित्सकीय निगरानी में रखा गया है.
डॉ योगेंद्र कुमार,
चिकित्सा पदाधिकारी सदर अस्पताल

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