हर दिन की तरह 6:30 बजे सुबह में अवतार सिंह फेरी लगाकर जड़ी बूटी बचने के लिए निकल गए. दोपहर 2:00 बजे जब वापस लौटे थे उन्हें उनका पुत्र अचेतावस्था में मिला. उसे अस्पताल ले जाया गया लेकिन चिकित्सकों ने उसकी मृत्यु की पुष्टि कर दी. उनका कहना है कि खेलने के दौरान बच्चों की मौत हो गई है.
- पिता, चिकित्सा और पुलिस के विरोधाभासी बयान
- पिता के साथ ठहरा था उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के नूरपुर गांव का निवासी किशोर
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : नगर के स्टेशन रोड स्थित एक लॉज में एक किशोर की संदेहास्पद परिस्थितियों में मौत हो गई है. किशोर यूपी के बिजनौर जिले का है जो कि अपने पिता के साथ बक्सर जिले में जड़ी बूटी बेचने का काम करता था. शुक्रवार की सुबह तकरीबन 6:30 बजे पिता फेरी लगाकर जड़ी बूटी बेचने के लिए ग्रामीण इलाकों में गए हुए थे. उस वक्त लॉज के कमरे में किशोर अकेला ही था. पिता के मुताबिक दोपहर 2:00 बजे जब वापस आए तो अचेतावस्था में बच्चा मिला, जिसे अस्पताल ले जाया गया लेकिन चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया. पिता का कहना है कि गिरने से उनके बच्चे की मौत हो गई है. जबकि चिकित्सक का कहना है कि किशोर के गले पर फांसी के फंदे जैसे निशान हैं. इसके उलट पुलिस का बयान है कि खेलने के दौरान गले में फांसी लग जाने से किशोर की मौत हो गई है. अलग-अलग बयानों से मामला उलझाता नजर आ रहा है.
घटना के संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के नूरपुर गांव निवासी अवतार सिंह अपने पुत्र गुरमीत सिंह के साथ बक्सर के रेलवे स्टेशन रोड स्थित गंगा लॉज में रुके हुए थे यहां रहकर वह ग्रामीण इलाकों में जा जाकर जड़ी बूटी बेचने का काम करते हैं अवतार सिंह के मुताबिक उनकी पत्नी का एक्सीडेंट में पैर काटना पड़ा था. तब से वह गांव में ही रहती हैं. यहां दोनों पिता-पुत्र रहते थे. हर दिन की तरह 6:30 बजे सुबह में अवतार सिंह फेरी लगाकर जड़ी बूटी बचने के लिए निकल गए. दोपहर 2:00 बजे जब वापस लौटे थे उन्हें उनका पुत्र अचेतावस्था में मिला. संभवतः खेलने के दौरान दुर्घटनावश उसकी मौत हो गई. उसे अस्पताल ले जाया गया लेकिन चिकित्सकों ने उसकी मृत्यु की पुष्टि कर दी. उनका कहना है कि खेलने के दौरान बच्चों की मौत हो गई है.
कहते हैं चिकित्सक :
किशोर के गले पर फांसी के फंदे जैसे निशान हैं. लग रहा है कि फांसी लगने से उसकी मौत हुई है. इसके अतिरिक्त शरीर पर कहीं भी चोट आदि के निशान नहीं हैं.
डॉ अमलेश कुमार,
चिकित्सक,
सदर अस्पताल
कहते हैं थानाध्यक्ष :
प्रारंभिक जांच के दौरान जो जानकारी सामने आई है उसके मुताबिक किशोर लॉज में अकेला था और खेल ही खेल में उसने खिड़की में फंदा लगाकर अपने गले में लगा लिया. वह बाल्टी के सहारे खिड़की की ऊंचाई तक पहुंचा था. बाल्टी हट जाने के कारण फंदे में फंस कर दम घुटने से उसकी मौत हो गई.
दिनेश कुमार मालाकार,
थानाध्यक्ष, नगर थाना
वीडियो :
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