वीडियो : लार्सन एन्ड टुब्रो पर हकमारी का आरोप लगा हड़ताल पर बैठे कामगार, निर्माणाधीन पावर प्लांट का कार्य दूसरे दिन भी प्रभावित ..

काम पर जाते समय बस के इंतजार में डेढ़ से दो घंटे लाइन में खड़ा रहना पड़ता है. आते समय भी वही हालत होती है.12 घण्टे काम कराते हैं और समय से पैसा भी नही देते है. हम आठ घण्टे से अधिक काम नही करेंगे और पेमेंट बोर्ड रेट के हिसाब से ही चाहिए.







- निर्माण कार्य बाधित होने से अधिकारियों में मचा हड़कंप
- ससमय और निर्धारित रेट के अनुसार मांग रहे हैं मजदूरी


बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : जिले के चौसा में 1320 मेगा वॉट के निर्माणाधीन पावर प्लांट के  निर्माण कार्य में लगी कार्यकारी एजेंसी लार्सन एन्ड टुब्रो के श्रमिकों ने अचानक हड़ताल कर दी है. गुरुवार से ही सभी यूनिट में लगे मजदूरों ने कार्य का बहिष्कार कर दिया जिसके बाद कंपनी के अधिकारियों में हड़कंप मच गया है. उनका कहना है कि उन्हें निर्धारित से कम मजदूरी दी जा रही है और काम भी ज्यादा लिया जा रहा है. हड़ताल की सूचना पर पहुंचे कंपनी के वरीय अधिकारी से लेकर पुलिस प्रशासन के लोग नाराज मजदूरों को समझाने-बुझाने में लगे हुए है. बावजूद इसके मजदूर अपनी मांगों को मानने तक कार्य बहिष्कार की बात पर अड़े हुए हैं.

मिली जानकारी के अनुसार चौसा अखौरीपुर लेबर कॉलोनी और सरेंजा गांव के पास बने लेबर कॉलोनी के तीन हजार से ज्यादा  मजदूरों ने अपनी मांग को लेकर कार्य का बहिष्कार  कर दिया है. दोनो कॉलोनी के श्रमिकों ने बताया कि जब तक हमारी मांग कम्पनी के अधिकारी नही मान लेते हैं. हम काम पर नही लौटेंगे,  बार-बार आश्वासन तो दिया जाता है लेकिन कम्पनी के अधिकारी अपने वादे पूरे नहीं करते हैं.

मजदूरों की मांग : 

एल एंड टी के अंतर्गत पॉवर मैक में काम कर रहे गोरखपुर के कृष्ण मुरारी तिवारी ने बताया कि हमारी मुख्य मांग यह है कि ससमय  हमारी मजदूरी का भुगतान पेमेंट  बोर्ड रेट के अनुसार किया जाए. आने-जाने का पर्याप्त साधन मिले. 

कम्पनी ने एक हजार मजदूर पर दी हैं केवल दो बसें, बारह घंटे काम लेकिन वेतन कम :

हड़ताल पर बैठे मजदूरों ने बताया कि कम्पनी के द्वारा एक हजार मजदूरों पर मात्र दो बसें दी गई हैं. काम पर जाते समय बस के इंतजार में डेढ़ से दो घंटे लाइन में खड़ा रहना पड़ता है. आते समय भी वही हालत होती है.12 घण्टे काम कराते हैं और समय से पैसा भी नही देते है. हम आठ घण्टे से अधिक काम नही करेंगे और पेमेंट बोर्ड रेट के हिसाब से ही चाहिए, नही तो हम काम पर नही लौटेंगे. 

मजदूरो के समस्या पर अधिकारियो ने साधी चुप्पी : 

मजदूरों के इस समस्या को लेकर जब एल एन्ड टी कम्पनी के अधिकारियों से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने चुप्पी साध ली और यह कहते हुए टालमटोल करने लगे की हमलोग मीडिया के समाने बोलने के लिए अधिकृत नही है. यह ठेकेदार और मजदूरों के बीच का मामला है.

बता दें कि देश की दूसरी बड़ी बिजली बनाने वाली परियोजना का निर्माण कार्य  जिले के चौसा में चल रहा है. जिसके निर्माण कार्य में लगे मजदूरों ने कम्पनी पर शोषण करने का आरोप लगाया है.

वीडियो : 







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