बीपीएससी परीक्षा में भाई-बहन को एक साथ सफलता : बहन बनी डीएसपी, भाई नियोजन पदाधिकारी ..

बताया कि कोरोना काल में जब सभी स्कूल-कॉलेज बंद हो गए तो उस समय चित्रा ने दिल्ली के सबसे प्रतिष्ठित दृष्टि आईएएस और विजन आईएएस से कोचिंग संस्थान से संपर्क स्थापित कर ऑनलाइन क्लास लिया था. 







- नगर थाना क्षेत्र के सोहनी पट्टी के निवासी हैं दोनों
- सफलता से परिजनों के साथ-साथ जिलेवासी भी गौरवान्वित


बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : बिहार लोक सेवा आयोग की 67 वीं परीक्षा में बक्सर के भाई-बहन ने एक साथ सफलता प्राप्त कर माता-पिता गुरुजनों के साथ जिले वासियों का नाम रोशन किया है. सोहनी पट्टी के निवासी बहन और भाई चित्रा कुमारी लारविन कुमार ने बीएससी की परीक्षा पास की है. चित्रा कुमारी ने 556 रैंक हासिल कर डीएसपी पद के लिए चुनी गई है वहीं, इसके बड़े भाई लारविन कुमार ने 248 रैंक हासिल कर नियोजन पदाधिकारी के पद पर चयनित हुए हैं. परीक्षा परिणाम के घोषित होते ही परिजनों के बीच खुशी की लहर दौड़ गई.

मूल रूप से चौसा बाजार निवासी सुरेश प्रसाद मालाकार के बड़े बेटे लारविन कुमार और उनकी बेटी चित्रा कुमारी ने इस परीक्षा में सफलता पाई है.

चित्रा को पहले ही प्रयास में मिली सफलता :

चित्रा ने पहले ही प्रयास में इस सफलता को हासिल किया है. इस पर पूरे परिवार के लोग गर्व महसूस कर रहे हैं. सफलता का श्रेय दोनों भाई-बहन ने अपने पिता सुरेश प्रसाद मालाकार और माता रचना देवी को देते हैं. चित्रा ने बताया कि मेरी सफलता के पीछे मेरे बड़े भाई लारविन कुमार का सहयोग रहा है. यह पिछले दो बार से इस परीक्षा में बैठ रहे थे. तीसरी बार में इन्होंने सफलता पाई है. इन्हीं के प्रेरणा स्रोत से प्रेरित होकर इस परीक्षा की तैयारी कर हमने सफलता पाई है.

दिल्ली और पटना नहीं घर पर ही रहकर की तैयारी :

आधुनिक दौर में जहां छात्र पढ़ाई के लिए पटना और दिल्ली जैसे शहरों की ओर जा रहे हैं वहीं, चित्रा ने घर पर रहकर अपने मां के सानिध्य में रहकर पढ़ाई की है. इनके पिता ने बताया कि कोरोना काल में जब सभी स्कूल-कॉलेज बंद हो गए तो उस समय चित्रा ने दिल्ली के सबसे प्रतिष्ठित दृष्टि आईएएस और विजन आईएएस से कोचिंग संस्थान से संपर्क स्थापित कर ऑनलाइन क्लास लिया था. 

बक्सर की बेटी चित्रा ने यह सफलता प्राप्त कर बेटियों की प्रतिभा का लोहा मनवाया है. पिछले ही दिनों नगर की गरिमा लोहिया ने यूपीएससी की परीक्षा में देश भर में दूसरा स्थान प्राप्त कर माता-पिता के साथ जिले वासियों का नाम रोशन किया था. वहीं, अब चित्रा ने यह सफलता प्राप्त कर दिखा दिया है कि बेटियां भी बेटों से कम नहीं हैं.




Post a Comment

0 Comments