वीडियो : इलाज के दौरान महिला की मौत, पैसों के लिए शव को बंधक बनाने का आरोप, परिजनों की गुहार पर एसपी ने किया हस्तक्षेप ..

पहले मरीज के परिजनों ने प्रबंधन से बात की और अपनी कमजोर आर्थिक स्थिति का हवाला दिया लेकिन जब बात नहीं बनी तो वह सड़क पर उतर गए और उन्ही में से कुछ लोग एसपी के जनता दरबार में चले गए. बाद में एसपी के निर्देश पर मौके पर पहुंची नगर थाने की पुलिस ने शव परिजनों के हवाले करवाया. 






- नगर के वी के ग्लोबल अस्पताल का है मामला
- यूपी से महिला का इलाज कराने पहुंचे थे परिजन

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : नगर के वी के ग्लोबल अस्पताल में एक मरीज की इलाज के दौरान मौत हो जाने के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया. उनका आरोप था कि मरीज की मौत तकरीबन 20 घंटे पहले हो गई है और अस्पताल प्रबंधन शव को छोड़ने को तैयार नहीं है. उनका कहना है कि पहले बकाया राशि का भुगतान होगा तभी शव परिजनों के हवाले किया जाएगा. इस बात को लेकर पहले मरीज के परिजनों ने प्रबंधन से बात की और अपनी कमजोर आर्थिक स्थिति का हवाला दिया लेकिन जब बात नहीं बनी तो वह सड़क पर उतर गए और उन्ही में से कुछ लोग एसपी के जनता दरबार में चले गए. बाद में एसपी के निर्देश पर मौके पर पहुंची नगर थाने की पुलिस ने शव परिजनों के हवाले करवाया. 

मामले में मिली जानकारी के मुताबिक नगर के वी के ग्लोबल अस्पताल में उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के सोनारी गांव निवासी चिंटू वर्मा की पत्नी 20 वर्षीय रिंकी देवी को भर्ती कराया गया था. उन्हें प्रसव पश्चात कुछ परेशानी हुई थी जिसकी वजह से उन्हें बेहतर इलाज की आवश्यकता थी. 

मृतका की रिश्तेदार रूबी देवी का कहना है कि पहले तो वी के ग्लोबल अस्पताल के निदेशक डॉ वी के सिंह के द्वारा यह कहा गया कि वह रोगी को बचा लेंगे, परिजनों ने तुरंत ही काउंटर पर 10 हज़ार रुपये भी जमा कराए. लेकिन बाद में कई घंटों के बाद अस्पताल प्रबंधन द्वारा यह बताया गया कि मरीज को बचाया नहीं जा सका है. काउंटर पर बकाया 14 हज़ार और जमा करने के बाद ही शव को ले जाने दिया जाएगा. काफी मिन्नतें करने के बाद भी जब अस्पताल प्रबंधन नहीं माना तो अंत में मृतका के परिजनों को एसपी के यहां गुहार लगानी पड़ी.

कहते हैं निदेशक :
अस्पताल में मरीज को जब भर्ती किया गया तो हालत बहुत खराब थी. उसका इलाज किया गया लेकिन उसे बचाए नहीं जा सका. अंत में परिजनों को यह कहा गया की बकाया पैसे का भुगतान कर दें. लेकिन जब उन्होंने पैसे भुगतान करने से इनकार किया तो शव को रोक कर रखा गया था. अगर ऐसे ही लोग इलाज करा कर पैसों का भुगतान नहीं करेंगे तो अस्पताल कैसे चल सकेगा?
डॉ वी के सिंह, 
निदेशक, वी के ग्लोबल अस्पताल, बक्सर

वीडियो : 







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