बक्सर में 8.23 करोड़ की ठगी का आरोपी लखनऊ से गिरफ्तार ..

कंपनी द्वारा तय समय पर रुपये और लाभांश नहीं दिए गए जिसके बाद पर पीड़ितों द्वारा अभियुक्तों को कानूनी नोटिस भेजा गया. नोटिस का जबाब नहीं मिलने पर पीड़ितों द्वारा नगर थाने में वर्ष 2020 में प्राथमिकी दर्ज कराई गई. मामले में पुलिस ने एक टीम का गठन किया.






- दो अभियुक्त पहले ही हो चुके हैं गिरफ्तार
- वर्ष 2018 में कर ली गई थी दर्जनों लोगों से ठगी 

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : फर्जी कंपनी बना लोगों से 8 करोड़ 23 लाख रुपये की ठगी करने के एक अन्य आरोपित को नगर थाने की पुलिस ने यूपी के लखनऊ से गिरफ्तार कर लिया है. इस मामले के दो अभियुक्त पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं जबकि एक अन्य फर्जीवाड़े के किसी दूसरे मामले में बरेली जेल में बंद है. 

इस बाबत प्राप्त जानकारी के मुताबिक बुधनपुरवा मोहल्ले निवासी राजाराम सिंह के पास वर्ष 2018 में यूपी के अयोध्या के पंचकोशी मार्ग निवासी ठाकुर प्रसाद सिंह के पुत्र संजय सिंह ने संपर्क किया. आरोपित ने कहा कि वह वीजीआई मार्ट नामक कंपनी में रुपये निवेश कर अधिक लाभ कमा सकते हैं. उन्होंने यह बताया कि यह कंपनी मार्ट, ट्रेडिंग, गोल्ड तथा प्रॉपर्टी में इन्वेस्ट कर लाभ कमाती है. आरोपित ने कंपनी के अन्य सहयोगी लखनऊ के हरीनाम सिंह यादव, सीतापुर निवासी शरद कुमार और लखीमपुर पटेलनगर के सुनील कुमार से भी मुलाकात कराई. इसके बाद विभिन्न फर्जी कंपनियों के बैंक खातों में तकरीबन 8.23 करोड़ रुपये का निवेश करा लिया.

लाभांश नहीं मिलने पर भेजा गया था कानूनी नोटिस, जवाब नहीं मिलने पर कराया एफआइआर : 

बाद में कंपनी द्वारा तय समय पर रुपये और लाभांश नहीं दिए गए जिसके बाद पर पीड़ितों द्वारा अभियुक्तों को कानूनी नोटिस भेजा गया. नोटिस का जबाब नहीं मिलने पर पीड़ितों द्वारा नगर थाने में वर्ष 2020 में प्राथमिकी दर्ज कराई गई. मामले में पुलिस ने एक टीम का गठन किया और आरोपित संजय सिंह और सुनील कुमार को अयोध्या से गिरफ्तार कर लिया. इस मामले का एक अन्य आरोपी शरद कुमार फरार चल रहा था जिसे पुलिस ने यूपी के लखनऊ से गिरफ्तार कर लिया है. थानाध्यक्ष मुकेश कुमार ने गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए बताया कि आरोपितों में शामिल हरीनाम सिंह पूर्व में यूपी में फर्जीवाड़े के मामले में गिरफ्तार होकर रायबरेली जेल में सजा भुगत रहा है. 

कई लोगों ने किया था निवेश, खोला गया था शॉपिंग मॉल : 

मामले में नगर थानाध्यक्ष ने बताया कि राजाराम ने अपने जानने वालों अनिल राय, राकेश कुमार मिश्रा, सुजीत कुमार राय, दिनेश जायसवाल, राजू केशरी, मुकेश कुमार चौरसिया, शशांक चौबे, दीपक चौबे, हिमांशु चौबे, राजीव सिंह, मनोज सिंह, राजू सिंह, धीरज, मो. अकबर अली, डॉ अजीतेश्वर सिंह, श्रीमन्नारायण दूबे एवं अन्य लोगों से कंपनी में रुपये निवेश कराए थे, जिसके बाद सिंडिकेट के एम्बेसडर होटल के समीप एक शॉपिंग मॉल भी खोला गया था.






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