धार्मिक साहित्य, संस्कृत सहित सनातन के रक्षक हैं ब्राह्मण - आचार्य गुप्तेश्वर जी महाराज

आचार्य गुप्तेश्वर जी महाराज ने कई प्रसंगों के माध्यम से राम कथा का भव्य वर्णन किया. ख़ासकर आज नारद मोह प्रसंग के माध्यम से उन्होंने बताया की कैसे रजो गुण और सतो गुण से भी ऊपर उठना पड़ता है तभी नारायण की कृपा होती है.






- श्री राम कथा के तीसरे दिन नारद मोह प्रसंग
- नगर के सती घाट पर आयोजित है श्री राम कथा

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : सनातन तभी है जब धार्मिक साहित्य और संस्कृत है. इसको ब्राह्मणों ने बचाकर रखा है. यह कहना है पूर्व डीजीपी सह राम कथा वाचक जगतगुरु रामानुजाचार्य आचार्य गुप्तेश्वर जी महाराज का. वह नगर के सती घाट पर स्थित लाल बाबा आश्रम पर आयोजित रामकथा में आज तीसरे दिन के प्रवचन के दौरान बोल रहे थे.

जगतगुरु रामानुजाचार्य आचार्य गुप्तेश्वर जी महाराज ने श्रद्धालुओं को तीसरे दिन श्री राम कथा का रसपान कराया. जगतगुरु रामानुजाचार्य आचार्य गुप्तेश्वर जी महाराज ने कई प्रसंगों के माध्यम से राम कथा का भव्य वर्णन किया. ख़ासकर आज नारद मोह प्रसंग के माध्यम से उन्होंने बताया की कैसे रजो गुण और सतो गुण से भी ऊपर उठना पड़ता है तभी नारायण की कृपा होती है.


तीसरे दिन भी कथा का श्रवण करने के लिए भारी संख्या में महिला और पुरुष श्रद्धालु सती घाट पर पहुंचे थे. राम भजन पर श्रद्धालु जमकर झूमें और आनंद उठाया. कथा के बीच में गुप्तेश्वर जी महाराज का भोजपुरी में संवाद कथा के महत्व को और भी बढ़ा दे रहा है.

कल पुनः दिन के 12:30 बजे से 4:30 बजे तक श्रद्धालु कथा का आनंद उठा सकेंगे. यह कथा 6 जनवरी तक प्रतदिन चलेगी. जगतगुरु रामानुजाचार्य आचार्य गुप्तेश्वर जी महाराज लोगो को कथा का रसपान कराएंगे. अंतिम दिन कथा के बाद अखंड कीर्तन और भंडारे के साथ इसकी पूर्णाहुति हो जाएगी. 








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