वीडियो : रिलीज ऑर्डर पर जज का फर्जी हस्ताक्षर कर थाने से बालू लदे ट्रक ले गए तस्कर, पुलिस गिनती रह गई ऑर्डर के पन्ने ..

जिले में बालू माफियाओं का मनोबल सातवें आसमान पर है. दिन के उजाले में अधिकारियों के नाक के नीचे से लाल बालू का काला कारोबार कर चौसा एवं बक्सर बॉर्डर से यूपी में बालू की सप्लाई कर रहे हैं. खबर प्रकाशित होने के बाद दो-चार ट्रकों को जब्त की कार्रवाई होती है.







- भूल का हुआ एहसास तो गाड़ी मालिक, गवाह सहित ट्रक ले जाने वाले के खिलाफ दर्ज हुआ एफआइआर
- जिला प्रशासन के अधिकारियो के नाक के नीचे धड़ल्ले से जारी है लाल बालू का काला कारोबार

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : जिले में बालू माफियाओं के काले कारनामे ने जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन के अधिकारियों के पैर से जमीन खिसका दी है. नावानगर थाने में जब्त बालू लदे ट्रकों को बालू तस्कर बेल ऑर्डर और रिलीज ऑर्डर पर जज के फर्जी हस्ताक्षर बना कर उसे पुलिस को दिखा बालू लदे ट्रक लेकर निकल गए. उधर, पुलिस फर्जी बेल ऑर्डर और रिलीज ऑर्डर के पन्ने ही गिनती रह गई.  जब मामले की खुलासा हुआ तो आनन-फानन में डुमरांव एसडीपीओ आफाक अख्तर अंसारी ने नावानगर थाने में पहुंच कर मामले की जांच की एवं एफआइआर दर्ज करने का निर्देश दिया. जिसके बाद पुलिस ट्रक चालक, गवाह, मालिक, और उस बालू तस्कर की तलाश करने में जुट गई है.

मिली जानकारी के अनुसार दस दिन पहले जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन के अधिकारियों ने संयुक्त रूप से, जांच अभियान चलाकर, अवैध तरीके से बालू की तस्करी करने और कागजात नहीं होने के कारण कई ट्रकों को जब्त कर नावानगर थाने में रखा था. इसी बीच बालू तस्करों ने फर्जी बेल ऑर्डर और फर्जी रिलीज ऑर्डर पुलिस को थमाकर बालू लदे ट्रक को थाने से निकलवा लिया और लेकर चलते बने. जब पुलिस को अपनी भूल का एहसास हुआ तो, वाहन मालिक सिमरी गांव निवासी रासबिहारी सिंह पिता चंद्रिका सिंह ,चालक मुरार गांव निवासी सुनील कुमार पिता शिवजी यादव और रिलीज ऑर्डर छुड़ाने में गवाह के रूप में रोहतास जिले के धवई गांव निवासी शशि कुमार और सिमरी के संतु कुमार पर एफआइआर दर्ज कर छापेमारी शुरू कर दी है.

असली रिलीज ऑर्डर आया सामने तो पुलिस को हुआ भूल का एहसास : 

बालू तस्करों के फर्जीवाड़ा की भनक पुलिस को तब लगी जब  एक साथ पकड़े गए अन्य ट्रकों का रिलीज ऑर्डर आया, जिसमे फाइन वगैरह जमा करने का भी जिक्र था तथा फर्जी हस्ताक्षर से ट्रक उड़ाने वाले में कागजात से भिन्न भी था. इसी शक के आधार पर कोर्ट जाकर विभिन्न कागजातों का मिलान किया गया तो पाया गया कि फर्जी तरीके से छुड़ाए गए ट्रक का कोई रिलीज ऑर्डर जारी नहीं किया गया है और न ही बेल का कोई कागजात है फिर भी जज का फर्जी हस्ताक्षर कर ट्रक छुड़ा लिया गया.

गौरतलब है कि जिले में बालू माफियाओं का मनोबल सातवें आसमान पर है. दिन के उजाले में अधिकारियों के नाक के नीचे से लाल बालू का काला कारोबार कर चौसा एवं बक्सर बॉर्डर से यूपी में बालू की सप्लाई कर रहे हैं. खबर प्रकाशित होने के बाद दो-चार ट्रकों को जब्त की कार्रवाई होती है. अब तो उसे भी फर्जी जज के हस्ताक्षर से बालू माफिया उड़ा ले जा रहे है.

कहते हैं अधिकारी : 
मेरे द्वारा एक ओवरलोड गाड़ी पकड़ी गई थी. जिसकी सूचना खनन को दी गई थी लेकिन जब वो जांच में पहुंचे तो उनके द्वारा रिलीज ट्रक के बारे में जानकारी लेने पर कहा कि ट्रक को मेरे द्वारा रिलीज नहीं किया गया था. जिसके बाद जांच करने पर रिलीज ऑर्डर ही फर्जी निकला. इसके बाद प्राथमिकी दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है.
आफाक अख्तर अंसारी, 
एसडीपीओ, डुमरांव

वीडियो : 







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