वीडियो : पुष्प वाटिका प्रसंग में दिखा जनकपुर का नज़ारा, धन्य हुए बक्सरवासी ..

54 वें श्री सिय-पिय मिलन महोत्सव के षष्ठम दिवस श्री सीताराम विवाह महोत्सव आश्रम, नया बाजार में  श्री खाकी बाबा सरकार की पुण्यतिथि के अवसर पर फुलवारी प्रसंग का मंचन किया गया. जिसके बाद समिष्टि भंडारे में लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया. आज मटकोड़ और शोभायात्रा निकाली जाएगी. 








- छठवें दिवस के कार्यक्रम में पुष्प वाटिका प्रसंग व भंडारे का हुआ आयोजन
- कल मटकोड़ के बाद निकलेगी भव्य शोभायात्रा

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : "जिया बसी रहूं पिया के नगरिया, मिथिला नगरिया ना .." और "एहो पथिकवर कहां तेरो शुभ घर, कहूँ तेरो पिताजी के नाम धनुर्धरीयाँ .." जैसे मधुर पदों के गायन ने बक्सर की धरती पर मिथिला का आभास करा दिया. शुक्रवार को पुष्प वाटिका प्रसंग के मंचन से बक्सर की धरती पर मिथिलाधाम के साक्षात्कार कर श्रद्धालु धन्य हो गए. महर्षि खाकी बाबा सरकार की पुण्य स्मृति आयोजित 54 वें श्री सिय-पिय मिलन महोत्सव के षष्ठम दिवस श्री सीताराम विवाह महोत्सव आश्रम, नया बाजार में  श्री खाकी बाबा सरकार की पुण्यतिथि के अवसर पर फुलवारी प्रसंग का मंचन किया गया. जिसके बाद समिष्टि भंडारे में लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया. आज मटकोड़ और शोभायात्रा निकाली जाएगी. 
      
इससे पूर्व महर्षि विश्वामित्र महाविद्यालय स्थित श्री खाकी बाबा सरकार के समाधि स्थल पर पूजन अर्चन किया गया तथा आश्रम स्थित श्रीराम-जानकी मंदिर में खाकी बाबा सरकार का पूजन एवं पुष्पार्चन के साथ साथ डेढ क्विंटल पंचामृत से पादुका का अभिषेक किया गया. महर्षि विश्वामित्र महाविद्यालय में भी भण्डारे का आयोजन किया गया. 

इस पुण्य अवसर पर आयोजित समष्टि भण्डारे में हजारो संतों भक्तो एवं श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया. देश के विभिन्न भागों से आए श्रद्धालुओं ने इस अलौकिक नजारे का साक्षी बनने पर खुद को धन्य बताया. कई लोगों ने बताया कि वह कई दशकों से यहां आते हैं. ऐसा लगता ही नहीं है कि साकेतवासी नेहनिधि मामा जी आज भी यहां विराजमान नहीं है वह कण-कण में व्याप्त नजर आते हैं. 
                   
विवाह महोत्सव आश्रम में पुष्प वाटिका प्रसंग का मंचन किया गया. धनुष यज्ञ में भाग लेने के लिए प्रभु श्री राम जी जब मिथिला प्रवास पर पहुंचते हैं,उस दौरान अपने गुरु महर्षि विश्वामित्र के पूजन के लिए पुष्प लाने हेतु राजा जनक के पुष्प वाटिका में पहुंचते हैं. जहां पर वाटिका के मालियों के द्वारा प्रभु श्री राम और लक्ष्मण जी से हंसी-ठिठोली की जाती है,जिसका भव्य मंचन प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी आश्रम में किया गया.



इस अवसर पर मलूक पीठाधीश्वर श्री राजेन्द्र देवाचार्य जी महाराज,बसांव पीठाधीश्वर अच्यूत प्रपन्नाचार्य महाराज, जोधपुर के रामस्नेही संत हरिराम शास्त्री, श्री बृज बिहारी दास जी भक्तमाली, श्री मोहन दास जी महाराज,महामण्डलेश्वर बनवारी दास जी महाराज, श्री सीताराम दास त्यागी जी, श्रीहरिराम जी, श्री किशोरी शरण दास जी, श्री राघव दास जी सहित अनेक संतो की उपस्थिति रही. मलूक पीठाधीश्वर ने तो अपने श्री मुख से पद गायन भी किया.





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