यह तो मेरे राम नाम की महिमा ही है कि हम सबको इतना आदर सत्कार और सम्मान की अनुभूति और प्राप्ति होती है. उन्होंने कहा कि अहंकार से जीव का पतन हो जाता है. इसलिए अहंकार का परित्याग कर भगवान का नाम स्मरण करना चाहिए. कई जन्मो के पुण्य से सगुर साकार ब्रह्म के दर्शन होते हैं.
- परम ब्रह्म हैं भगवान राम - आचार्य गुप्तेश्वर जी महाराज
- रामकथा का छठवां दिन भगवान का विवाह लीला उत्सव
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : लाल बाबा आश्रम सती घाट बक्सर पर महंत सुरेंद्र जी महाराज के सानिध्य में चल रहे राम कथा के छठे दिन भगवान के विवाह लीला उत्सव का श्रद्धालुओं ने खूब आनंद उठाया. कथा वाचक जगतगुरु रामानुजाचार्य आचार्य गुप्तेश्वर जी महाराज द्वारा कथा वाचन के दौरान भगवान के विवाह प्रसंग और संगीतमय माहौल से कथा में मौजूद श्रद्धालु झूमने और और नाचने पर विवश हो गए. राम कथा में श्रवण करने पहुंचे श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बन रहा था. कथा के छठवें दिन महिला और पुरुष श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी.
कई जन्मों के पुण्य से सगुर साकार ब्रह्म के दर्शन होते हैं :
भगवान की विवाह लीला प्रसंग के दौरान जगतगुरु ने कहा कि राम ही परम ब्रह्म हैं. यह तो मेरे राम नाम की महिमा ही है कि हम सबको इतना आदर सत्कार और सम्मान की अनुभूति और प्राप्ति होती है. उन्होंने कहा कि अहंकार से जीव का पतन हो जाता है. इसलिए अहंकार का परित्याग कर भगवान का नाम स्मरण करना चाहिए. कई जन्मो के पुण्य से सगुर साकार ब्रह्म के दर्शन होते हैं.
भोजपुरी विवाह गीत पर झूमें कथा में पहुंचेंगे श्रद्धालु :
कथा के दौरान भगवान के विवाह गीत ज़ब आचार्य गुप्तेश्वर जी महाराज ने भोजपुरी में गया तो श्रद्धांलू झूमने लगे. बुधवार की कथा इतनी रोचक रही कि जो भी कथा में पंहुचा अंत तक कथा का आनंद लेता नजर आया.
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