चौसा थर्मल पावर प्रोजेक्ट को लेकर हाई कोर्ट सख्त, दे दिया यह बड़ा आदेश ..

कागजात तैयार नहीं होने के कारण जिन एक फीसद किसानों को मुआवजा नहीं मिला है उनके कागज दुरुस्त करने के लिए भी कंपनी सहयोग कर रही है. लेकिन किसानों की आड़ में कुछ उपद्रवी लगातार पावर प्लांट के निर्माण में बाधक बन रहे हैं.







- जिला प्रशासन को दिए सुरक्षा के इंतजाम करने के निर्देश
- निर्माण कार्य में बाधा उत्पन्न करने वालों पर अब होगी सख्त कार्रवाई

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : जिले के चौसा में निर्माणधीन थर्मल पावर प्लांट को लेकर पटना हाई कोर्ट सख्त है. न्यायालय के द्वारा बक्सर जिला प्रशासन को यह निर्देशित किया गया है कि पावर प्लांट के निर्माण में किसी भी प्रकार की बाधा ना आए, क्योंकि तकरीबन 11 हज़ार करोड़ रुपयों की लागत से बन रहे पावर प्लांट का निर्माण जनहित में बेहद जरूरी है. प्रशासन इसके शीघ्र निर्माण में सहयोग करे. हाई कोर्ट के इस निर्देश के बाद जिला प्रशासन भी एक्शन मोड में है और उपद्रवियों से सख्ती से निबटने को तैयार है.

दरअसल, चौसा थर्मल पावर प्लांट के निर्माण कार्य में कथित तौर पर मुआवजे की मांग को लेकर कुछ लोगों के द्वारा बार-बार निर्माण कार्य को अवरुद्ध किया जा रहा है. इतना ही नहीं पिछले दिनों बिना अनुमति के रैली निकालकर न सिर्फ प्रशासन को चुनौती दी गई बल्कि श्रमिकों को काम पर जाने से रोक दिया गया. इतना ही नहीं श्रमिकों को उनकी कॉलोनियों से भगा दिया गया. ऐसे में थर्मल पावर प्लांट का निर्माण रुक गया था. पर्याप्त प्रशासनिक मदद नहीं मिलने पर निर्माण कंपनी न्यायालय का रुख किया था. जिस पर अब न्यायालय ने कड़ा रुख अख्तियार किया है.

चौसा थर्मल पावर प्लांट प्रोजेक्ट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी संजय कुमार गर्ग ने बताया कि हिमाचल प्रदेश और भारत सरकार की संयुक्त उपक्रम एसजेवीएन को मिनीरत्न का दर्जा मिला हुआ है, जिसके द्वारा चौसा में 1320 मेगावाट थर्मल पावर प्लांट का निर्माण कार्य किया जा रहा है. निर्माण कार्य के दौरान जिन किसानों की भूमि अधिग्रहित की गई थी, उनके द्वारा मुआवजे को लेकर अपना विरोध जताया गया था जिस पर कंपनी के द्वारा एलएआर कोर्ट के निर्देश के अनुसार 99 फीसद किसानों को मुआवजा दे दिया गया है. कागजात तैयार नहीं होने के कारण जिन एक फीसद किसानों को मुआवजा नहीं मिला है उनके कागज दुरुस्त करने के लिए भी कंपनी सहयोग कर रही है. लेकिन किसानों की आड़ में कुछ उपद्रवी लगातार पावर प्लांट के निर्माण में बाधक बन रहे हैं.

बहरहाल, पटना हाई कोर्ट के इस निर्देश के बाद चौसा थर्मल पावर प्लांट के निर्माण कार्य में किसी भी प्रकार के अवरोध की आशंका खत्म हो गई है. साथ ही साथ यह बात भी सुनिश्चित हो गई है कि जो लोग निर्माण कार्य में बाधा उत्पन्न करेंगे. उनके विरुद्ध प्रशासन कठोर कार्रवाई करेगा.

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