कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय चंद्रशेखर को युवा तुर्क की उपाधि यूं ही नहीं मिली थी. उन्होंने जनता से जुड़कर उनकी समस्याओं को महसूस करने और उनके निदान के लिए हर संभव प्रयास करने का जो साहस दिखाया था वह बहुत कम लोगों में होता है.
- नगर के वीर कुंवर सिंह चौक से रानी कोठी तक आयोजित हुई पदयात्रा
- पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय चंद्रशेखर के व्यक्तित्व तथा कृतित्व को किया गया याद
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : भारत के पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय चंद्रशेखर ने ४१ वर्ष पहले उतर और दक्षिण भारत को जोड़ने के लिए कन्याकुमारी से दिल्ली तक पदयात्रा की थी. उन्होंने अपनी यात्रा की शुरुआत कन्याकुमारी से ६ जनवरी १९८३ की थी तथा समापन राजघाट पर किया था. इस यात्रा से केंद्र की तत्कालीन इंदिरा सरकार भी घबरा गई थी. यात्रा की वर्षगांठ पर बक्सर में भी एक पद यात्रा निकालकर स्वर्गीय चंद्रशेखर को नमन किया गया.
उनके प्रमुख सहयोगी उतर प्रदेश जनता दल एस के प्रदेश अध्यक्ष ओंकार सिंह, मुख्य अतिथि पूर्व चेयरमैन सहकारी बैंक एवं पूर्व प्रधामंत्री के सांसद प्रतिनिधि कमलेश कुमार सिंह सहित अन्य लोगों ने वीर कुंवर सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर पदयात्रा शुरु की जो रानी कोठी में समाप्त हुई. यह पदयात्रा के दौरान चन्द्रशेखर कुटीर में उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर भारत यात्रा की ४१ वी वर्षगांठ मनायी गई.
मौके पर वक्ताओं ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय चंद्रशेखर को युवा तुर्क की उपाधि यूं ही नहीं मिली थी. उन्होंने जनता से जुड़कर उनकी समस्याओं को महसूस करने और उनके निदान के लिए हर संभव प्रयास करने का जो साहस दिखाया था वह बहुत कम लोगों में होता है.
कार्यक्रम के दौरान बक्सर नगर के तमाम प्रबुद्ध जन मौजूद रहे जिनमें सिद्देश्वरानंद बक्सरी बजरगी मिश्र, शिवांकात मिश्र, जगदीश मिश्र प्रमुख रहे.
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