समाजसेवी शीला दूबे का कनाडा में हृदयघात से निधन ..

प्रारंभ से ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में सक्रिय भागीदारी निभाती रहीं और कई छात्र आंदोलनों में भाग लिया. पटना विश्वविद्यालय में भी अध्ययनरत रहकर छात्र हित में कार्य करती रहीं. वह अपने वर्तमान निवास आबू धाबी से अपनी छोटी पुत्री के यहां कनाडा गई हुई थी, जहां 31 दिसंबर अर्धरात्रि को उन्हें दिल का दौरा पड़ा.






- केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे की कनिष्ठ बहन थी शीला दूबे
- कई छात्र आंदोलनों में भी शामिल रही है शीला दूबे

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : केंद्रीय मंत्री सह स्थानीय सांसद अश्विनी कुमार चौबे की सबसे कनिष्ठ बहन शीला दूबे का हृदय गति रुक जाने से कनाडा के हैमिल्टन जेनरल हॉस्पिटल में निधन हो गया, वे 55 वर्ष की थीं और अपने पीछे आबू धाबी में बड़े कंपनी में निदेशक पद पर कार्यरत पति राजेश दूबे एवं दो पुत्री डा.अनीशा अंशु एवं प्रियंका को छोड़ गई हैं. 

शीला दूबे प्रारंभ से ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में सक्रिय भागीदारी निभाती रहीं और कई छात्र आंदोलनों में भाग लिया. पटना विश्वविद्यालय में भी अध्ययनरत रहकर छात्र हित में कार्य करती रहीं. वह अपने वर्तमान निवास आबू धाबी से अपनी छोटी पुत्री के यहां कनाडा गई हुई थी, जहां 31 दिसंबर अर्धरात्रि को उन्हें दिल का दौरा पड़ा और निकटस्थ हैमिल्टन जेनरल अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उन्होंने अपनी अंतिम सांसे ली. वह एक सामाजिक महिला थी और आध्यात्मिक कार्यों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेती थी. पूर्व में बहरैन स्थित बिहारी एसोसिएशन एवं वर्तमान में आबू धाबी के बिहारी एसोसिएशन से जुड़कर वहां स्थित बिहार वासियों की मदद एवं सेवा करती थी. विशेषकर भारतीय महिलाओं के लिए निरंतर उन्होंने कई कार्य विदेश में रहकर किया और सेवा के भाव से मदद के लिए तत्पर रहती थी.










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