नप कार्यपालक पदाधिकारी ने घोंटा लोकतंत्र का गला : बबन सिंह

वह अचानक कार्यालय कक्ष में आए और उन्होंने सैरातों की बंदोबस्ती शुरु कर दी, जबकि नियम यह है कि इस दौरान लोकतांत्रिक प्रक्रिया से चुने गए अध्यक्ष तथा स्थायी सशक्त समिति के सदस्यों की उपस्थिति अनिवार्य है.










- कहा - बिना जानकारी सैरातों की कर रहे थे बंदोबस्ती
- कार्यालय कक्ष में मौजूद थे दो अपरिचित चेहरे

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी अमित कुमार के कार्यालय कक्ष में हंगामा के मामले को लेकर नगर परिषद के पूर्व उप मुख्य पार्षद व स्थायी सशक्त समिति के सदस्य इन्द्रप्रताप सिंह उर्फ बबन सिंह ने अपना पक्ष रखते हुए यह कहा है कि कार्यपालक पदाधिकारी ने लोकतंत्र का गला घोट है उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने आने की पूर्व सूचना नहीं दी थी और बिना किसी को सूचना दी है. वह अचानक कार्यालय कक्ष में आए और उन्होंने सैरातों की बंदोबस्ती शुरु कर दी, जबकि नियम यह है कि इस दौरान लोकतांत्रिक प्रक्रिया से चुने गए अध्यक्ष तथा स्थायी सशक्त समिति के सदस्यों की उपस्थिति अनिवार्य है, लेकिन उन्होंने इसका कोई प्रयास नहीं किया ऐसे में उनकी भूमिका संदेह के घेरे में है. 

नहीं किया कोई अपमान, केवल शालीनता की कर रहे थे गुजारिश :

पूर्व मुख्य पार्षद ने बताया कि जब वह उन्हें यह जानकारी मिली कि कार्यपालक पदाधिकारी अपने कार्यालय में पहुंचे हुए हैं तो वह उनसे मिलने के लिए पहुंचे. वहां पहुंचने पर यह ज्ञात हुआ कि वह सैरातों की बंदोबस्ती कर रहे हैं. कार्यालय कक्ष में प्रवेश करने पर उनके साथ दो अन्य व्यक्ति देखे गए जो की इस जिले के प्रतीत नहीं हो रहे थे. इसके अतिरिक्त वह मुंह में पान अथवा गुटखा खा रहे थे. ऐसे में उनसे उनके व्यवहार के बारे में पूछा गया. जिस पर बाद में वह शर्मिंदा भी हुए.

लोकतांत्रिक प्रक्रिया में विश्वास रखना कोई गुनाह नहीं :

पूर्व उप मुख्य पार्षद व स्थायी शशक्त समिति के सदस्य ने कहा कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया में विश्वास रखना कोई गुनाह नहीं है. शुक्रवार को कार्यपालक पदाधिकारी के कार्यालय कक्ष में जो कुछ भी हुआ वह केवल इसी लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बहाल रखने की मांग को लेकर हुआ. ऐसे में यदि इसे गुनाह माना जाता है तो गलत है. यह कोई गुनाह नहीं है.










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