वीडियो : इलाज के दौरान विवाहिता की मौत, चिकित्सक पर लापरवाही का आरोप, घंटों तक सड़क पर बवाल ..

कहना है कि चिकित्सक ने पहले तो तो मरीज को नहीं देखा और फिर जब देखा तो उसे बिना ऑक्सीजन मास्क के जांच करने के लिए बाहर भेज दिया, जिसके कारण उसकी मौत हो गई अगर वह लापरवाही नहीं पर बरतते तो शायद यह घटना नहीं घटती.













- अस्पताल में इलाज के दौरान नया बाजार निवासी विवाहिता की हो गई थी मौत
- परिजन लग रहे चिकित्सक पर समय से इलाज नहीं करने का आरोप

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : सदर अस्पताल में इलाज के दौरान एक विवाहिता की मौत के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया. परिजनों का आरोप था कि चिकित्सक ने इलाज के दौरान लापरवाही बरती जिसके कारण विवाहिता की मौत हो गई. मृतका के परिजनों ने सदर अस्पताल के गेट के समक्ष टायर फूंक कर आगजनी की तथा चौसा-बक्सर मुख्य मार्ग को जाम कर दिया जिससे काफी देर तक अफरातफरी का माहौल कायम रहा. सड़क पर वाहनों की लंबी कतारें लग गई. बाद में प्रखंड विकास पदाधिकारी रोहित कुमार मिश्र, अंचलाधिकारी प्रशांत शांडिल्य तथा नगर थानाध्यक्ष संजय कुमार सिन्हा ने मौके पर पहुंचकर लोगों को समझाया और काफी मशक्कत के बाद जाम खत्म किया गया.

मामले में मिली जानकारी के मुताबिक नया बाजार वार्ड संख्या 9 के निवासी विजेंद्र केसरी की पुत्री ऋचा कुमारी की शादी बीते वर्ष के नवंबर माह में रोहतास जिले के कोआथ गांव निवासी पप्पू कुमार के साथ हुई थी. वह कुछ दिन पूर्व से मायके आई हुई थी. गुरुवार की सुबह दिन में 11:00 बजे खाना खाने के बाद पेट दर्द और उल्टी की शिकायत होने पर उसे अस्पताल ले जाया गया जहां मौके पर मौजूद कंपाउंडर और नर्स के द्वारा उसे ऑक्सीजन मास्क लगाया गया इसके बाद परिजनों ने चिकित्सक से अनुरोध किया गया कि वह चलकर मरीज को देख लें लेकिन उन्होंने जब जाने से इनकार किया तो ऑक्सीजन मास्क निकालकर ओपीडी में ले जाकर युवती को दिखाया गया, जहां से चिकित्सक ने कुछ जांच कराने के लिए उसे बाहर के जांच केंद्र में जाने की सलाह दी. जांच के लिए ले जाने के दौरान उसकी की हालत बिगड़ने लगी पुनः उसे अस्पताल मिलकर ऑक्सीजन मास्क लगाया गया लेकिन उसकी मौत हो गई.

चिकित्सक लापरवाह, बीपी मशीन में बैटरी नहीं :

मृतका के परिजनों और पड़ोसियों का कहना है कि चिकित्सक ने पहले तो तो मरीज को नहीं देखा और फिर जब देखा तो उसे बिना ऑक्सीजन मास्क के जांच करने के लिए बाहर भेज दिया, जिसके कारण उसकी मौत हो गई अगर वह लापरवाही नहीं पर बरतते तो शायद यह घटना नहीं घटती. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि अस्पताल में रक्तचाप जांच करने वाली मशीन में बैटरी ही नहीं था.

सिविल सर्जन कर रहे आरोपों से इनकार :

उधर, मामले में सिविल सर्जन डॉ सुरेश चंद्र सिन्हा ने लापरवाही के आरोप को गलत बताते हुए कहा कि अस्पताल में मौजूद चिकित्सक ने युवती को देखा और उसका इलाज भी करने की कोशिश की लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका.

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