रविवार को अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को पहला अर्घ्य दिया गया. तत्पश्चात अगले दिन यानी कि सोमवार की सुबह उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही आस्था का महापर्व संपन्न हो गया. गंगा घाट पर व्रतियों और उनके स्वजनों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए व्यापक इंतजाम नहीं दिखें जिससे कि वहां काफी अव्यवस्था दिखी.
- गंगा घाटों पर उमड़ी व्रतियों की भीड़, दिखी अव्यवस्था
- चौक-चौराहों पर तैनात दिखे पुलिसकर्मी
बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : जिले में चैत्र माह का छठ पर्व (चैती छठ) उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ संपन्न हो गया. पर्व के दौरान जिले में कहीं से भी किसी प्रकार अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली. रविवार को पहले अर्घ्य के दौरान डीएम अंशुल अग्रवाल, एसपी मनीष कुमार तथा एसडीएम धीरेंद्र कुमार मिश्रा व रेड क्रॉस के सचिव डॉ श्रवण कुमार तिवारी ने गंगा घाटों का जायजा लिया. जबकि सोमवार को दूसरे अर्घ्य के दौरान भाजपा के सांसद प्रत्याशी मिथिलेश तिवारी लोगों से आशीर्वाद लेते देखे गए. उन्होंने कई व्रतियों को अर्घ्य भी दिलवाया.
इसके पूर्व छठ की तैयारियों में जुटे लोग बांस के बने सूप, दौरा, डगरा, डलिया, फल के साथ-साथ मिट्टी के बने दीप आदि की खरीदारी करते देखे गए. फलों की भी अच्छी-खासी बिक्री हुई. गंगा घाटों पर नगर परिषद के द्वारा साफ-सफाई कराई गई थी साथ ही गंगा के किनारों पर बैरिकेडिंग भी कराई गई थी. ताकि लोग गहरे पानी में ना जाए. छठ के दौरान नौका परिचालन व आतिशबाजी पर रोक लगाई गई थी. वहीं गोताखोर भी घाट पर तैनात किए गए थे. चौक-चौराहों पर भी सुरक्षा के व्यापक इंतजाम देखे गए.
लोक आस्था के महापर्व में रविवार को अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को पहला अर्घ्य दिया गया. तत्पश्चात अगले दिन यानी कि सोमवार की सुबह उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही आस्था का महापर्व संपन्न हो गया. गंगा घाट पर व्रतियों और उनके स्वजनों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए व्यापक इंतजाम नहीं दिखें जिससे कि वहां काफी अव्यवस्था दिखी.
बता दें कि चैती छठ का चार दिवसीय अनुष्ठान शुक्रवार को नहाय-खाय के साथ शुरु हुआ जिसके बाद शनिवार को खरना का प्रसाद बनाकर ग्रहण करने के साथ ही व्रतियों का निर्जला उपवास शुरू हो गया. रविवार को पहला तथा सोमवार को दूसरा अर्घ्य देने के साथ ही चार दिवसीय महा अनुष्ठान संपन्न हुआ.
ऐसी मान्यता है कि छठ पूजा करने से संतान को दीर्घायु की प्राप्ति होती है. संतान सुख प्राप्त करने के लिए भी लोग छठ का अनुष्ठान करते हैं. इस दिन भगवान भास्कर के पूजन का विधान है इस पूजन को सूर्य षष्टि और डाला छठ के नाम से भी जाना जाता है. बिहार के लोग चाहे कहीं भी रहे वह चैत्र और कार्तिक माह में छठ अवश्य करते हैं.
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