राजनीति में दोनों एक दूसरे के विरोधी हैं और लोकसभा चुनाव में एक दूसरे के बड़े प्रतिद्वंद्वी माने जा रहे हैं. दोनों के दिल आपस में मिले ना मिले लेकिन हाथ मिलाने की बात अब चर्चा में है. हालांकि हाथ मिलाने के बावजूद दोनों अपनी जीत और दूसरों की हार के दावे कर रहे हैं.
- जनसंपर्क के दौरान आमने-सामने आए दोनों प्रत्याशी
- एक दूसरे के बड़े प्रतिद्वंद्वी माने जा रहे हैं दोनों प्रत्याशी
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : स्थानीय लोकसभा में एनडीए प्रत्याशी मिथिलेश तिवारी और निर्दलीय प्रत्याशी पूर्व आइपीएस आनंद मिश्रा ने एक दूसरे से हाथ मिलाया और अपना परिचय भी दिया. यह वाकया तब हुआ जब मिथिलेश तिवारी और आनंद मिश्र तनिष्क शोरूम के बगल में आयोजित एक पूजा कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे. राजनीति में दोनों एक दूसरे के विरोधी हैं और लोकसभा चुनाव में एक दूसरे के बड़े प्रतिद्वंद्वी माने जा रहे हैं. दोनों के दिल आपस में मिले ना मिले लेकिन हाथ मिलाने की बात अब चर्चा में है. हालांकि हाथ मिलाने के बावजूद दोनों अपनी जीत और दूसरों की हार के दावे कर रहे हैं.
यहां बता दें कि बक्सर में लोकसभा चुनाव की रणभेरी बजने के बाद एनडी गठबंधन के प्रत्याशी मिथिलेश तिवारी के सामने निर्दलीय प्रत्याशी आनंद मिश्र और बहुजन समाज पार्टी के अनिल कुमार ही पूरे दमखम के साथ सामने आए हैं. इसके अतिरिक्त ददन पहलवान ने भी अपनी दावेदारी की है लेकिन फिलहाल वह चुनाव प्रचार में ज्यादा जोर नहीं लग रहे. ऐसा माना जा रहा है कि इस बार का चुनाव भाजपा के लिए बेहद चुनौती पूर्ण होगा क्योंकि भाजपा नेता मिथिलेश तिवारी को जिला भाजपा के लोग स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं. हालांकि उनका यह मानना है स्टार प्रचारकों और प्रधानमंत्री मोदी के 29 मई को प्रस्तावित सभा के बाद माहौल उनके पक्ष में हो जाएगा क्योंकि बार-बार अपनी सभाओं के दौरान वह यह कह रहे हैं कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रतिबिंब के रूप में बक्सर सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. ऐसे में लोग यदि उन्हें पसंद नहीं भी कर रहे तो वह मोदी के हाथ को मजबूत करने के लिए उन्हें मतदान करें.
बहरहाल, यह तो आने वाला वक्त बताएगा की चुनाव परिणाम क्या होगा, लेकिन फिलहाल जनता अलग-अलग किस्म के प्रत्याशियों के बीच खुद को ठगा सा महसूस कर रही है. अब देखना यह होगा की कौन सा प्रत्याशी जनता का विश्वास जीतने में सफल हो पाता है.
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