जीवन को अध्यात्म से जोड़ बना सकते हैं खुशहाल : जितेंद्र पांडेय

कहा कि आर्ट ऑफ लिविंग विश्व की सबसे बड़ी एनजीओ के अंतर्गत आती है. इसका संचालन विश्व के 180 देश में हो रहा है. श्री पांडेय ने बताया कि श्री श्री रविशंकर जी एक आध्यात्मिक गुरु हैं. वह मानवतावादी शांति दूत है पूरे विश्व के लोगों के बीच  हिंसा मुक्त, तनाव मुक्त एवं रोग मुक्त समाज की स्थापना उनका उद्देश्य है.







-आर्ट ऑफ लिविंग ने आयोजित किया था हैप्पीनेस प्रोग्राम
-विदेशी हो रहे स्वास्थ्य के प्रति जागरूक, भारतवासी लापरवाह


बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : वर्तमान समय में मनुष्य का जीवन तनाव ग्रस्त हो गया है, जिसके चलते लोग कम उम्र में ही तरह-तरह की बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं. जीवन को खुशहाल बनाने के लिए लोगों को आध्यात्म से जुड़ना पड़ेगा. इस मामले में विदेशियों में ज्यादा क्रांतिकारी परिवर्तन देखने को मिल रहा है, जबकि भारतवर्ष आध्यात्म का विश्व गुरु है .उक्त बातें आर्ट ऑफ लिविंग अंतर्गत आयोजित हैप्पीनेस प्रोग्राम के अंतिम दिन बिहार योगा कोऑर्डिनेटर जितेंद्र पांडे ने उपस्थित लोगों से कहीं.

उक्त शिविर को आर्ट ऑफ लिविंग के गजाधर गंज सेंटर पर विगत चार दिनों से आयोजित किया जा रहा था. उन्होंने कहा कि आर्ट ऑफ लिविंग विश्व की सबसे बड़ी एनजीओ के अंतर्गत आती है. इसका संचालन विश्व के 180 देश में हो रहा है .
श्री पांडेय ने बताया कि श्री श्री रविशंकर जी एक आध्यात्मिक गुरु हैं. वह मानवतावादी शांति दूत है पूरे विश्व के लोगों के बीच  हिंसा मुक्त, तनाव मुक्त एवं रोग मुक्त समाज की स्थापना उनका उद्देश्य है.

 अगला शिविर उनके जन्मदिन 13 मई से आयोजित किया जाएगा. इस अवसर पर मुख्य सहयोगी के रूप में धर्मेंद्र पांडेय के अलावे किरण सर्राफ, विनीत, नीरज मानसिंहका, मिथिलेश पाठक, रीता पाठक ,सीमा दत्त ,अनुष्का गोयल, सुजाता लोहिया, उमा पांडेय, अनीता, रमाशंकर ,अभिषेक समेत कई लोग उपस्थित थे.






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