बड़ी ख़बर : तिहरे हत्याकांड के आरोपी बंदी की हृदयाघात से मौत ..

21 मई को उन्हें स्वस्थ बताते हुए डिस्चार्ज कर दिया गया. उनके पुत्र छोटन सिंह तथा मित्र संजय सिंह के अनुसार पटना से वापसी के दौरान कृष्णाब्रह्म के समीप उनके सीने में दर्द होने की शिकायत के उपरांत उन्हें तुरंत सदर अस्पताल लाया गया लेकिन रात की तकरीबन 10:20 पर उन्हें चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया.




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-वर्ष 2012 में कृष्णाब्रह्म थाना क्षेत्र के कठार हुई थी हत्या
-मामले में पांच लोगों को बनाया गया था अभियुक्त

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : जिले के कृष्णाब्रह्म थाना क्षेत्र के कठार में हुए तिहरे हत्याकांड के आरोपी केंद्रीय कारा के एक बंदी की हृदयघात से मौत हो गई है. वह आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे थे. उनका इलाज पटना के आइजीआइएमएस में कराया गया, जहां से डिस्चार्ज होने के बाद उन्हें बक्सर लाया जा रहा था. वापसी के दौरान ही एम्बुलेंस में हृदयाघात से उनकी मौत हो गई. 

घटना के संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक 30 जनवरी 2012 को कृष्णाब्रह्म थाना क्षेत्र के कठार गांव में अलाव तापने के दौरान राख गिरने जैसे छोटे मामले को लेकर दो पक्ष आमने-सामने आ गए थे, जिसमें एक पक्ष के द्वारा दूसरे पक्ष के तीन लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस मामले में पांच लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया था, जिनमें शेखर सिंह उर्फ चंद्रशेखर सिंह (65 वर्ष) भी शामिल थे. उन्हें 27 मई 2016 को आजीवन कारावास के सजा सुनाई गई थी. 

11 मई 2024 को सीने में दर्द तथा सांस लेने में परेशानी होने की समस्या पर उन्हें जेल अस्पताल में इलाज करने के बाद सदर अस्पताल तथा फिर पटना आइजीआइसी में इलाज के लिए भर्ती कराया गया, जहां से 21 मई को उन्हें स्वस्थ बताते हुए डिस्चार्ज कर दिया गया. उनके पुत्र छोटन सिंह तथा मित्र संजय सिंह के अनुसार पटना से वापसी के दौरान कृष्णाब्रह्म के समीप उनके सीने में दर्द होने की शिकायत के उपरांत उन्हें तुरंत सदर अस्पताल लाया गया लेकिन रात की तकरीबन 10:20 पर उन्हें चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया.

अलाव तापने के दौरान गिरी राख को लेकर हुआ विवाद गोलीबारी में बदला : 

दरअसल, घटना के दिन कठार गांव स्थित मंदिर के पुजारी संजय तिवारी मंदिर परिसर में ही अलाव ताप रहे थे. पुआल की राख गिरने पर विपक्ष के अशोक सिंह ने विरोध किया. इसको लेकर दोनों पक्षों में विवाद हो गया. इसी को लेकर अशोक सिंह के परिजन गोलीबारी करने लगे. इसमें पुजारी पक्ष के बबन तिवारी, जितेंद्र तिवारी उर्फ मिंटू तिवारी और सच्चिदानंद तिवारी की गोली लगने से मौत हो गयी थी. हमले में मुन्ना तिवारी नामक व्यक्ति घायल हो गए थे.

पांच लोग बनाये गए थे अभियुक्त, 95 वर्षीय वृद्ध भी थे शामिल : 

इस मामले में पांच अभियुक्तों शेखर सिंह उर्फ चंद्रशेखर सिंह के साथ ही 95 वर्षीय शंकर दयाल सिंह भी अभियुक्त बनाये गए थे. जिनका बाद में निधन हो गया. इसके साथ ही विनोद सिंह, अशोक सिंह और अभिषेक सिंह के खिलाफ भादवि की धारा 302,307, 149 एवं आर्म्स एक्ट 27 के तहत मामला दर्ज कराया गया था. इस मामले में अपर जिला में सत्र न्यायाधीश पंचम के द्वारा 27 मई 2016 को अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी.







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