कांग्रेस नेता ने दिया शास्त्रों का ज्ञान, कहा - कमीशन के फेर में मजदूरी रोकना गलत ..

कई मजदूरों और ई-रिक्शा चालकों का छह माह तक का वेतन नहीं मिला है तथा उनका हाजिरी भी मनमाने ढंग से काटी जा रही है. इतना ही नहीं उनके साथ  अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है.




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- नगर परिषद के मजदूरों ने की बैठक, नए अध्यक्ष का किया चुनाव
- मंगलवार से रोष प्रदर्शन करेंगे मजदूर

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : शास्त्रों के अनुसार मजदूरों का पसीना सूखने से पहले उनकी मजदूरी उनके हाथ में मिल जानी चाहिए, लेकिन कमीशन के बंदरबांट के कारण 6 महीने तक मजदूरों का मानदेय रोकना सरासर अमानवीय कृत्य है. यह कहना है कांग्रेस व्यवसायिक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष राम नारायण का. उन्होंने कहा कि यह मानव अधिकारों एवं श्रम कानूनों का उल्लंघन है. वह किला मैदान में आयोजित मजदूरों की एक बैठक के बाद आयोजित सभा के दौरान बोल रहे थे.

दरअसल, किला मैदान रामलीला मंच पर रविवार की सुबह नगर परिषद बक्सर के सफाई मजदूरों की एक बैठक आहुत हुई, बैठक में सामाजिक कार्यकर्ता इंद्रजीत चौबे, कांग्रेस व्यवसायिक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष राम नारायण तथा नगर परिषद मजदूर संघ के सचिव गणेश प्रसाद उपस्थित रहे. सभी उपस्थित मजदूरों, महिला ई रिक्शा चालक एवं गणमान्यों ने मजदूरों को आ रही समस्याओं पर गहन मंथन किया. इस क्रम में यह बात निकल कर सामने आई कि उनके वेतन का भुगतान हमेशा विलंब से होता है. कई मजदूरों और ई-रिक्शा चालकों का छह माह तक का वेतन नहीं मिला है तथा उनका हाजिरी भी मनमाने ढंग से काटी जा रही है. इतना ही नहीं उनके साथ  अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है.
बैठक के बाद मजदूरों ने सर्वसम्मति अपने अध्यक्ष के रूप में श्री इंद्रजीत चौबे का चुनाव किया. इंद्रजीत चौबे ने कहा कि नगर परिषद मनमानी रवैया अपना रहा है, और तानाशाह हो गया है इसके लिए हमलोग अब कमर कस कर आंदोलन को तैयार हैं. उन्होंने बताया कि यह तय किया गया है कि सोमवार को इस मामले में कार्यपालक पदाधिकारी बक्सर को ज्ञापन सौंपा जायेगा तथा मजदूर मंगलवार को काला बिल्ला लगाकर मंगलवार को नगर परिषद के मुख्यद्वार पर अपना रोष प्रदर्शन करेंगे.

बैठक में इंद्रजीत चौबे, राम नारायण, गणेश प्रसाद, तथा संतु कुमार, भोला कुमार, लखन कुमार, मनोज राम, मंझली देवी, क्रांति देवी, दीपक कुमार, प्रदीप कुमार, प्रदीप कुमार, बजरंगी कुमार, बदल कुमार, मंजू देवी, उर्मिला देवी, सीमा देवी, आबिदा, पिंकी, रिंकी, धर्मशिला इत्यादि दैनिक मजदूर उपस्थित रहे.






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