बताया कि आपातकाल के दौरान ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे देश में प्रजातंत्र नहीं राजतंत्र लागू हो गया हो. संवैधानिक संस्थाओं पर रोक लगा दी गई थी. यहां तक की जो कांग्रेस के लोग आज यह कह रहे हैं कि मोदी जी अगर पूर्ण बहुमत में आए तो संविधान बदल देंगे उन्होंने ही कई बार अपने लाभ के लिए संविधान में संशोधन किया है.
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- नेताओं ने कहा - आपातकाल में जनता को किया गया प्रताड़ित
- कांग्रेस के लोगों ने चुनाव में किया भाजपा के खिलाफ झूठा प्रचार
बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : 25 जून 1975 लागू आपातकाल के खिलाफ भाजपा ने जिला मुख्यालय में अपने चुनावी कार्यालय में आज के दिन को "काला दिवस" के रूप में मनाया. परिचर्चा कार्यक्रम की अध्यक्षता पार्टी के जिलाध्यक्ष विजय कुमार सिंह उर्फ भोला सिंह तथा संचालन रमेश गुप्ता ने किया. कार्यक्रम के मुख्य वक्ता भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री मिथिलेश तिवारी मौजूद रहे.
मिथिलेश तिवारी ने कहा कि आज ही के दिन 25 जून 1975 को देश में एक अनोखी घटना घटी. उस समय की कांग्रेस की सरकार की मुखिया इन्दिरा गांधी ने मनमाने तरीके से देश के सर्वोचय न्यायालय के निर्णय के खिलाफ देश में आपातकाल घोषित कर दिया. एक ऐसा कलंक देश के माथे पर लगा दिया गया जिससे देश की जनता में खलबलाहट मच गयी. परिचर्चा कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री तिवारी ने कहा कि 25 जून 1975 को कांग्रेस सरकार की मुखिया इंदिरा गांधी ने अपने राजनीतिक पद और पावर का दुरुपयोग करते हुए देश के सर्वोचय न्यायालय के आदेश के खिलाफ बिना कैबिनेट की बैठक बुलाए आपातकाल लगाने की सिफारिश राष्ट्रपति से कर दी. उस समय के तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने आपातकाल लगाने की घोषणा कर दी.
आपातकाल आजाद भारत के इतिहास में काला अध्याय बन गया क्योंकि इस दौरान The Maintenance of internal security Act के तहत लोगों को जेल में डालने की बेलगाम छूट सरकार को मिल गई. आपातकाल लागू होने के बाद लोगों के मौलिक अधिकारों का हनन होने लगा. सभी विपक्षी पार्टियों के नेताओ को जेल में डाल दिया गया, जिसमें जयप्रकाश नारायण, अटल बिहारी वाजपेयी ,लालकृष्ण आडवाणी और जाॅर्ज फर्नांडीस जैसे बड़े नेता शामिल थे.
इतना ही नहीं अख़बार और मीडिया पर सेंसर लगा दिया गया हर अखबार में सेंसर अधिकारी बैठा दिया गया. सरकार विरोधी समाचार छापने पर गिरफ्तारी हो सकती थी. आरएसएस समेत 24 संगठनों पर बैन लगा दिया गया. लोगों को पकड़-पकड़ कर सामूहिक नसबंदी की गई. आज जो कांग्रेस के लोग संविधान बदलने की बात कर लोगों को गुमराह कर रहे थे, वो यह नहीं कह रहे थे कि आज के पहले कांग्रेस की सरकार ने कई बार संविधान बदला है और संविधान में ऐसा संसोधन किया जिससे सांसद, विधायक के पावर को कम कर सरकार के पावर को बढ़ा दिया गया, जिससे कि उस समय की कांग्रेस सरकार निरंकुश हो गई. लोगों का जीना मुश्किल हो गया था. सरकार के इस निरंकुश शासन से लोग उब चुके थे. इसलिए 25 जून को भारतीय जनता पार्टी काला दिवस के रूप में याद करती है.
आपातकाल के बारे में भारतीय जनता पार्टी की महिला मोर्चा नगर अध्यक्ष कंचन देवी ने बताया कि आपातकाल के दौरान ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे देश में प्रजातंत्र नहीं राजतंत्र लागू हो गया हो. संवैधानिक संस्थाओं पर रोक लगा दी गई थी. यहां तक की जो कांग्रेस के लोग आज यह कह रहे हैं कि मोदी जी अगर पूर्ण बहुमत में आए तो संविधान बदल देंगे उन्होंने ही कई बार अपने लाभ के लिए संविधान में संशोधन किया है. इतना ही नहीं कांग्रेस लगातार झूठ बोलती रही है, जिसका नज़ारा चुनाव के दौरान दिखा, जब राहुल गांधी ने खटाखट महिलाओं के खाते में पैसे आने की बात कही. आज वह महिलाएं पैसे पाने के लिए भटक रही हैं.
परिचर्चा कार्यक्रम में मुख्य रूप से राजवंश सिंह लोकसभा संयोजक, राणा प्रताप सिंह पूर्व जिला अध्यक्ष, मीना सिंह कुशवाहा, पूनम रविदास, मनोज पाण्डेय कार्यक्रम संयोजक,चौधरी राम विनोद राय, जयप्रकाश राय, सौरभ तिवारी, राजेश सिन्हा, हिमांशु चतुर्वेदी,भरत प्रधान, चन्दा पाण्डेय,शिला त्रिवेदी, इंदु देवी,सुधा गुप्ता, संध्या पांडेय, दुर्गावती चतुर्वेदी तथा जिला मीडिया प्रभारी उमाशंकर राय सहित सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित रहे.
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