वीडियो : संसाधनों की कमी नहीं आई आड़े, बेटी ने दारोगा बन बढ़ाया होमगार्ड पिता का मान ..

 साधारण परिवार में जन्मी रूबी पांच बहनों और एक भाई में सबसे छोटी है. वह अपने भाई बहनों में पहली सदस्य है जिसका चयन सरकारी नौकरी में हुआ है. पिता इस सफलता के बाद फूले नहीं समा रहे हैं. रूबी के घर पर बधाई देने वालों का भी तांता लगा हुआ है.




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- जिले के डुमरांव अनुमंडल के धरहरा गांव की रूबी बनी बिहार पुलिस दारोगा
- सफलता पर गौरवान्वित है पूरा गांव, भाजपा नेता ने किया सम्मानित

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : "कौन कहता है आसमां में सुराख नहीं हो सकता .. एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों .." कवि स्वर्गीय दुष्यंत कुमार की इन पंक्तियों को चरितार्थ किया है जिले के डुमरांव अनुमंडल के धरहरा गांव निवासी रूबी कुमारी ने. रूबी ने तमाम अभावों के बीच भी उसने बिहार दारोगा की परीक्षा में सफलता हासिल की है. हालांकि यह उसका अंतिम लक्ष्य नहीं है रूबी ने बताया कि वह आगे चलकर यूपीएससी की भी तैयारी करना चाहती है.

संसाधनों के आभाव को अपनी कमजोरी न बनने देने वाली रूबी की इस सफलता पर पूरा क्षेत्र गर्व कर रहा है. बुधवार को भाजपा के किसान मोर्चा के प्रदेश प्रवक्ता राहुल राज ने चयनित छात्रा को बुके देकर सम्मानित किया और आगे बढ़ने की शुभकामनाएं दी. भाजपा के नगर महामंत्री मुखिया सिंह कुशवाहा भी मौजूद रहे. उन्होंने कहा कि अपने  गांव की बेटी की इस सफलता पर पूरा गांव फक्र महसूस कर रहा है. आज लोग अपने बेटियों को रूबी का उदाहरण दे रहे हैं. 

बेटी की सफलता से फूले नहीं समा रहे होमगार्ड पिता : 

रुबी के पिता बिंदेश्वरी सिंह होमगार्ड में तैनात थे वहीं मां निर्मला देवी गृहणी हैं. बेहद साधारण परिवार में जन्मी रूबी पांच बहनों और एक भाई में सबसे छोटी है. वह अपने भाई बहनों में पहली सदस्य है जिसका चयन सरकारी नौकरी में हुआ है. पिता इस सफलता के बाद फूले नहीं समा रहे हैं. रूबी के घर पर बधाई देने वालों का भी तांता लगा हुआ है.

पढ़ाई में मेधावी रही भी रूबी : 

परिजनों ने बताया कि रूबी बचपन से ही पढ़ाई में मेधावी रही है. उसकी पढ़ाई यहीं से हुई है. उसने अपनी 10 वीं की परीक्षा जीएसवीएम स्कूल कठार से पूरी की. वहीं 2018 में उसकी इंटरमीडिएट की पढ़ाई सुमित्रा कॉलेज से पूरी हुई. 2021 में उसने डीके कॉलेज से अपनी बीएससी की पढ़ाई पूरी की, जिसके बाद  उसकी एमएससी की पढ़ाई सुचारू है. अपनी मेहनत और लगन के बदौलत उसका चयन बिहार दारोगा में हो गया. 

पढ़ना चाहे बेटियां तो अवश्य दें मौका

रुबी ने अपनी इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और गुरुजनों को दिया है. उसने बताया कि वह पुलिस विभाग में चयनित होकर निष्पक्ष कार्यशैली का उदाहरण बनना चाहती है. रूबी ने समाज के अन्य लोगों को भी यह कहा कि बेटियां अगर पढ़ना चाहे तो उन्हें पढ़ने का पर्याप्त अवसर दें ताकि वह अपने माता-पिता का नाम रोशन कर सके.

वीडियो : 







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