17 सूत्री मांगों को लेकर देशव्यापी आंदोलन के तहत किसानों ने किया प्रदर्शन ..

कहा कि आज तो सिर्फ महाभारत मे कृष्ण पांच गांव की मांग लेकर गए थे, उसी तरह आज हम अपने 17 सूत्री मांगों को लेकर हुक्मरान को देने आए हैं. यदि हमारी मांगे नहीं सुनी गई और इसकी पूर्ति नहीं हुई तो हम एक बड़े आंदोलन की तैयारी करेंगे. इसके लिए गांव-गांव में किसानों को एकजुट करने हेतु किसान चौपाल लगाएंगे. 

 



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- रेलवे स्टेशन से समाहरणालय तक निकाला पैदल मार्च 
- कहा - मांगे पूरी नहीं  होने पर तेज़ करेंगे आन्दोलन

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : जिले के बनारपुर, कोचाढी, मोहनपुरवा में किसानों पर हुए जुल्म की न्यायिक जांच कराने, किसानों का कर्जा माफ करने, वर्तमान बाजार दर से चार गुणा जमीन का मुआवजा देने, 60 साल की उम्र से सभी किसानों व मजदूरों को 10 हज़ार रुपये मासिक पेंशन देने, एम एस पी की कानूनी गारंटी, बिहार में पुनः फसल बीमा योजना शुरु करने, बिजली बिल विधेयक 2022 वापस लेने आदि गगनभेदी नारा लगाते हजारों किसानों का विशाल कारवां शुक्रवार को बक्सर रेलवे स्टेशन से 1:00 बजे दिन में जिला समाहरणालय की ओर पहुंचा. जहां किसानों ने जमकर नारेबाजी की तत्पश्चात डीएम के प्रतिनिधि के तौर पर एडीएम अनुपम सिंह को 17 सूत्री मांग पत्र सौंपा गया. मौके पर एसडीएम धीरेन्द्र कुमार मिश्र तथा एसडीपीओ धीरज कुमार भी मौजूद रहे.

जुलूस का नेतृत्व बिहार राज्य किसान सभा के महासचिव अशोक प्रसाद सिंह, किसान नेता केदार सिंह, अजय मिश्रा,सुरेंद्र सिंह, शिवजी सिंह, तेतरी देवी, शैलेश राय, सियाराम यादव, अनिल तिवारी, लाल साहेब उपाध्याय  एवं जय मंगल पाण्डेय आदि कर रहे थे. जुलूस डाॅ अंबेडकर चौक होते हुए कचहरी के रास्ते जिला समाहरणालय पहुंचा. 

जिला समाहरणालय  के पास आयोजित सभा को संबोधित करते हुए किसान नेता अशोक प्रसाद सिंह ने कहा कि आज तो सिर्फ महाभारत मे कृष्ण पांच गांव की मांग लेकर गए थे, उसी तरह आज हम अपने 17 सूत्री मांगों को लेकर हुक्मरान को देने आए हैं. यदि हमारी मांगे नहीं सुनी गई और इसकी पूर्ति नहीं हुई तो हम एक बड़े आंदोलन की तैयारी करेंगे. इसके लिए गांव-गांव में किसानों को एकजुट करने हेतु किसान चौपाल लगाएंगे. उन्होंने कहा कि 20 मार्च को जो कुछ जिला प्रशासन के नेतृत्व में चौसा में हुआ, उससे मानवता शर्मसार हुई है. हम बनारपुर, कोचाढी और मोहनपुरवा की घटना की न्यायिक जांच और दोषी को सजा नहीं मिलने तक चैन से नहीं सोएंगे. उन्होंने कहा कि किसानों पर से झूठे मुकदमों को वापस लिया जाए. रेलवे कॉरिडोर पाइपलाईन और एन एच 319 ए में कम से कम जमीन लिया जाए. इस तरह का रूट बनाया जाए. साथ ही वर्तमान बाजार दर से चार गुणा जमीन का मुआवजा तथा परिवार के सदस्यों को सरकारी नौकरी की गारंटी हो. 

सभा को संबोधित करने वाले अन्य वक्ताओं ने कहा कि देशभर में किसानों के साथ जो कुछ लिखित समझौता किया गया. उसे आज तक पूरा नहीं किया गया. 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का मोदी गारंटी आज तक पूरी नहीं हुई. संसद में अलग से कृषि बजट पेश हो और पूरे बजट का 30% प्रतिशत कृषि पर खर्च हो. सभा को किसान नेता केदार सिंह, अजय मिश्र, नरेंद्र मोहन सिंह, ज्योतिश्वर सिंह, छात्र नेता क्षितिज कुमार और राहुल ठाकुर ने भी संबोधित किया. बाद में पांच सदस्यी प्रतिनिधिमंडल के तौर पर अशोक प्रसाद सिंह, सुरेंद्र सिंह, शैलेश राय, केदार सिंह और अनिल तिवारी ने जिला समाहर्ता के प्रतिनिधि उपसमाहर्ता श्रीमती अनुपम सिंह को स्मार-पत्र सौंपा. उन्होंने सहानुभूतिपूर्वक मांगों पर विचार करने का आश्वासन दिया.




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