वीडियो : यहां हिंदू और मुस्लिम एक साथ मिलकर करते हैं माता की पूजा ..

बताते हैं कि भले ही परम्पराएं अलग-अलग हो लेकिन, सभी धर्मों के लिए पालनकर्ता एक ही है. कोई उन्हें ईश्वर कहता है, कोई अल्लाह तथा कोई परमात्मा कह उनकी पूजा करता है. हमारे यहां भी दोनों धर्मों के लोग 15 वर्षों से अधिक समय से एक साथ मिलकर प्रेम-भाईचारे और मिल्लत से इस तरह के धार्मिक आयोजनों में शिरकत करते हैं.










- मां काली के पूजन में दशकों से दिखाई देती है कौमी एकता की मिसाल ..
- कहा-ईश्वर और अल्लाह दोनों एक ही, अंतर करना गलत

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : नगर के मुसाफिर गंज में माँ काली के वार्षिक पूजनोत्सव के दौरान दशकों से कौमी एकता की मिसाल देखने को मिलती है. माता काली की पूजा हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों के लोग एक साथ मिलकर करते हैं. इस बार भी हर्षोल्लाह के साथ माता का पूजन किया जा रहा है, जिसमें दोनों धर्म के लोग सहयोग कर रहे हैं.

जय मां काली मुसाफिर गंज वाली पूजा समिति के अध्यक्ष मनोज सिंह ने बताया कि यह पूजा तकरीबन 15 वर्षों से अधिक समय से धूमधाम से की जा रही है, जिसमें स्थानीय युवाओं का भरपूर सहयोग रहता है. खास बात यह है कि यह युवा दोनों धर्मों से आते हैं. 

सचिव सुप्रभात गुप्ता "बिट्टू" ने बताया कि निश्चय ही यह पूजा कौमी एकता की मिसाल है. यह कभी धर्म को लेकर भेदभाव नहीं किया गया जिस तरह से मुस्लिम धर्म के लोग इस पूजा में सहयोग करते हैं ठीक उसी तरह से हिंदू भी उनके त्योहारों में बढ़कर हिस्सा लेते हैं. पूरी दुनिया के लोगों को भी ऐसे ही आपसी प्रेम और भाईचारा बनाए रखना चाहिए.

स्थानीय मदरसे के हाफिज मोहम्मद हुसैन बताते हैं कि भले ही परम्पराएं अलग-अलग हो लेकिन, सभी धर्मों के लिए पालनकर्ता एक ही है. कोई उन्हें ईश्वर कहता है, कोई अल्लाह तथा कोई परमात्मा कह उनकी पूजा करता है. हमारे यहां भी दोनों धर्मों के लोग 15 वर्षों से अधिक समय से एक साथ मिलकर प्रेम-भाईचारे और मिल्लत से इस तरह के धार्मिक आयोजनों में शिरकत करते हैं.

मोहम्मद खुर्शीद बताते हैं कि बिना किसी भेदभाव के यहां दोनों धर्म के लोग पूजा पाठ करते हैं. उन्होंने कहा कि उनका टेंट हाउस है और वहां से टेंट कुर्सी से लेकर साजो-सामान के तमाम इंतजाम उन्हीं के जिम्मे होता है. 

स्थानीय निवासी असगर अली ने बताया कि जब वह लोग छोटे थे तभी से कौमी एकता का परिचय देते हुए हिंदू और मुसलमान एक साथ मिलकर अपने त्यौहार मनाते हैं यहां परंपरा अब भी जारी है. 

अन्य लोगों ने भी बताया कि दोनों धर्म के लोग अपने त्योहार को आपस में मिलकर मनाते हैं कभी कोई किसी का विरोध नहीं करता. आर्थिक से लेकर शारीरिक श्रम तक करते हुए लोग एक दूसरे का सहयोग करते हैं.


सुप्रभात गुप्ता ने बताया कि 13 अगस्त से जलार्पण के साथ ही वार्षिक महोत्सव की शुरुआत हुई है. 17 अगस्त को अखंड हरिकीर्तन 18 अगस्त को शिव चर्चा एवं प्रसाद का वितरण सोमवार को वार्षिक पंचित पूजा के बाद कन्या पूजन एवं भंडारे के साथ ही यह महा आयोजन संपन्न होगा जिसके बाद रात्रि में माता की महा आरती एवं छप्पन भोग लगाया जाएगा.

पूजा समिति में शामिल अन्य लोगों में कोषाध्यक्ष राजकमल गुप्ता, उपाध्यक्ष सत्य प्रकाश राय, उप सचिव जगनारायण केसरी, उपकोषाध्यक्ष मनीष गुप्ता, व्यवस्थापक किरण वर्मा, गुड्डू कुमार चौधरी, जेपी गुप्ता, मुख्य व्यवस्थापक राजेंद्र प्रसाद गुप्ता एवं पवन कुमार वर्मा समेत तमाम सदस्यों एवं पूरे जिले वासियों का सहयोग प्राप्त होता है.

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