कहा कि कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में आजादी के साथ विभाजन विभीषिका को याद करने का निर्णय लिया गया है, ताकि उस वक्त के दर्द को याद कर आने वाले समय में लोग सीख ले सके. वह दौर था जब लोग अपने घरों से बेघर हो रहे थे अपनी जानमाल की सुरक्षा करने में भी तत्कालीन सरकार विफल थी.
- विभाजन के दौरान हुई घटना को बताया सबसे बड़ा नरसंहार
- बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार पर भी जताया दुःख
बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : स्वतंत्रता दिवस के एक दिन पूर्व भारतीय जनता पार्टी की जिला इकाई ने नगर के ज्योति प्रकाश चौक के समीप सिटी पैलेस नामक मैरेज हाल के सभागार में विभीषिका स्मृति दिवस मनाया.कार्यक्रम की अध्यक्षता भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष विजय कुमार सिंह उर्फ भोला सिंह तथा संचालन जिला महामंत्री निर्भय राय ने किया. मुख्य अतिथि के रुप में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री सह सासाराम के पूर्व प्रत्याशी शिवेश राम उपस्थित रहे. कार्यक्रम की शुरुआत डॉ.श्यामा प्रसाद मुखर्जी एवं पंडित दीनदयाल उपाध्याय के तैल चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर की गई.
मौके पर वक्ताओं ने कहा कि 15 अगस्त 1947 को भारत को स्वतंत्रता मिली थी लेकिन कम ही लोग जानते हैं कि स्वतंत्रता तो मिली लेकिन भारत वासियों को इस स्वतंत्रता के लिए कितनी कुर्बानियां देनी पड़ी है. स्वतंत्रता प्राप्त करने के 1 दिन पहले यानी 14 अगस्त को भारत का विभाजन हुआ था जिसमें पाकिस्तान की उत्पत्ति हुई थी. देश के बंटवारों को कभी भुलाया नहीं जा सकता, नफरत और हिंसा की वजह से हमारे लाखों भाइयों और बहनों को विस्थापित होना पड़ा था और अपनी जान तक जवानी पड़ी थी. उन लोगों के संघर्ष और बलिदान की याद में साल 2021 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पहले 14 अगस्त को भारत विभाजन विभीषीका स्मृति दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया था.
सभा को संबोधित करते हुए भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री शिवेश राम ने 14 अगस्त को हुई त्रासदी को याद करते हुए कहा कि 14 अगस्त को जो भारत में हुआ वह दुनिया के सबसे बड़े नरसंहार के रूप में याद किया जाता है. भारत के नौजवान, बूढ़े, औरतों और बच्चों पर जो अत्याचार हुआ यह देखकर, पढ़कर और सोचकर रुह कांप जाती है. उन्होंने ने कहा कि लोग समझते हैं कि आज हम सुरक्षित हैं लेकिन वह आज भी सुरक्षित नहीं है. उन्होंने बांग्लादेश का हवाला देते हुए तथा बंगाल का हवाला देते हुए बताया कि आज भी इन जगहों पर हिंदुओं को मारा जा रहा है. हिंदुओं के मंदिरों को तोड़ा जा रहा है. आज भी विदेशी विरोधी ताकतें भारत को तोड़ने में लगी हुई हैं, इसलिए हम आप लोगों से आग्रह कर रहे हैं देश के प्रति सजग रहे और सतर्क रहें.
भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष विजय कुमार सिंह उर्फ भोला सिंह ने भी अपने संबोधन में विभीषिका दिवस पर प्रकाश डालते हुए कहा कि 14 अगस्त 1947 को भारत के इतिहास में काला दिन है. इस दिन को भारत में लाखों लोगों का कत्लेआम हो गया था. हजारों लोग विस्थापित हो चुके थे. सचमुच में भयावह और भयानक स्थिती थी. स्वतंत्रता दिवस के पूर्व संध्या पर हुए इस जघन्य अपराध को कभी भुलाया नहीं जा सकता है.इसलिए माननीय प्रधानमंत्री ने देश में हुए त्रासदी को देखते हुए साल 2021 में इस दिन को "विभीषिका स्मृति दिवस" के रूप में मनाने का संकल्प लिया था.
भाजपा महिला मोर्चा की नगर अध्यक्ष कंचन देवी ने कहा कि कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में आजादी के साथ विभाजन विभीषिका को याद करने का निर्णय लिया गया है, ताकि उस वक्त के दर्द को याद कर आने वाले समय में लोग सीख ले सके. वह दौर था जब लोग अपने घरों से बेघर हो रहे थे अपनी जानमाल की सुरक्षा करने में भी तत्कालीन सरकार विफल थी. आज वर्तमान में बांग्लादेश में जो हिंदुओं के साथ हो रहा अत्याचार उस स्मृति को ताजा कर रहा है.
विभीषिका स्मृति दिवस पर प्रकाश डालने वालों में राजवंश सिंह लोकसभा संयोजक, राजेश सिंहा प्रदेश का समिति सदस्य, ओमप्रकाश भुवन पंचायती राज प्रकोष्ठ संयोजक, रानी चौबे प्रदेश मीडिया पैनलिस्ट, मनोज पाण्डेय,मीना कुशवाहा,सौरभ तिवारी, पूनम रविदास, अमरेन्द्र पाण्डेय, भरत प्रधान, ने भी विभीषिका स्मृति दिवस को याद करते हुए अपने अपने अनुभव साझा किए तथा शहीद हुए लोगों को नमन किया.
उक्त कार्यक्रम में मुख्य रूप से इंदु देवी, राजू कुशवाहा, जयप्रकाश राय, शीला त्रिवेदी, राम विनोद राय, सुधा गुप्ता,रेखा देवी, धनंजय राय, दीपक पाण्डेय, संत कुमार सिंह, अमरेन्द्र पाण्डेय,सतीष दूबे, पिंकी पाठक, संध्या पांडेय सभी मंडल अध्यक्ष तथा मीडिया प्रभारी उमाशंकर राय सहित सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित थे.
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