बताया कि महोत्सव की शुरुआत 25 सितम्बर को संध्या समय गणेश पूजन और शिव-पार्वती विवाह लीला से होगी. इसके बाद 26 सितम्बर को दिन में श्रीकृष्ण जन्म लीला और रात में नारद मोह लीला का मंचन होगा. इसी क्रम में, 27 सितम्बर को नंद महोत्सव, पूतना वध और रात्रि में रावण अत्याचार लीला दिखाई जाएगी.
- बक्सर के ऐतिहासिक किला मैदान में होगा आयोजन
- दिन में श्री कृष्ण लीला और रात में श्री राम लीला का होगा आयोजन
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : श्री रामलीला समिति, बक्सर द्वारा आयोजित 21 दिवसीय विजयादशमी महोत्सव-2024 का भव्य शुभारंभ बुधवार 25 सितम्बर को होगा. यह महोत्सव बक्सर के ऐतिहासिक किला मैदान पर आयोजित किया जाएगा, जिसमें दिन में श्रीकृष्ण लीला और रात में श्रीराम लीला का दिव्य मंचन होगा. कार्यक्रम का उद्घाटन अहिरौली मठ के मठाधीश्वर श्री श्री 1008 स्वामी श्री मधुसूदनाचार्य जी महाराज के कर कमलों व आशीर्वचनों से होगा.
समिति के सचिव बैकुण्ठ नाथ शर्मा और मीडिया प्रभारी हरिशंकर गुप्ता ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर इस आयोजन की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि हर साल की तरह इस वर्ष भी विजयादशमी महोत्सव बड़े धूमधाम से मनाया जाएगा. 21 दिनों तक चलने वाले इस महोत्सव में वृंदावन की प्रसिद्ध लीला संस्थान श्री राधा माधव रासलीला एवं रामलीला मंडल के स्वामी श्री सुरेश उपाध्याय 'व्यास जी' के निर्देशन में मंचन होगा
प्रमुख अतिथियों की उपस्थिति :
कार्यक्रम के उद्घाटन अवसर पर बिहार सरकार के मंत्री हरि सहनी मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत करेंगे, जबकि पूर्व विधायक मिथिलेश तिवारी और विधान पार्षद जीवन कुमार विशिष्ट अतिथि के रूप में कार्यक्रम में शामिल होंगे.
महोत्सव की दिन-प्रतिदिन की रूपरेखा :
श्री रामलीला समिति के संयुक्त सचिव सह मीडिया प्रभारी हरिशंकर गुप्ता ने 21 दिवसीय कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि महोत्सव की शुरुआत 25 सितम्बर को संध्या समय गणेश पूजन और शिव-पार्वती विवाह लीला से होगी. इसके बाद 26 सितम्बर को दिन में श्रीकृष्ण जन्म लीला और रात में नारद मोह लीला का मंचन होगा. इसी क्रम में, 27 सितम्बर को नंद महोत्सव, पूतना वध और रात्रि में रावण अत्याचार लीला दिखाई जाएगी.
21 दिवसीय कार्यक्रम की विशेषताएं :
महोत्सव के दौरान, 1 अक्टूबर को सीता स्वयंवर और धनुष यज्ञ लीला, 4 अक्टूबर को राम वनवास और केवट प्रसंग, 7 अक्टूबर को खर दूषण वध और शबरी प्रसंग लीला, 9 अक्टूबर को लंका दहन, 11 अक्टूबर को लक्ष्मण शक्ति और कुंभकर्ण वध, तथा 12 अक्टूबर को रावण, मेघनाथ और अहिरावण वध लीला का मंचन होगा.
वहीं 15 अक्टूबर को महोत्सव का अंतिम दिन होगा, जिसमें भगवान श्रीराम के राज्याभिषेक और होली मिलन लीला का आयोजन किया जाएगा. इस दौरान नगर के विभिन्न हिस्सों में भरत मिलाप लीला भी प्रस्तुत की जाएगी.
इस भव्य आयोजन से न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं का प्रदर्शन होगा, बल्कि बक्सर की ऐतिहासिक विरासत को भी सम्मानित किया जाएगा.
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