वीडियो : जिला मुख्यालय में खुला पहला काइरोप्रैक्टिक क्लीनिक, बिन दवा दर्द का इलाज, बांझपन का भी शर्तिया उपचार ..

जिला मुख्यालय के पहले काइरोप्रैक्टिक क्लीनिक ‘वेदांता क्लीनिक’ का उद्घाटन किया गया. यह क्लीनिक डॉक्टर मुर्शीद रज़ा द्वारा संचालित होगा, जो बिना दवाओं और ऑपरेशन के दर्द का इलाज करेंगे. इस क्लीनिक का उद्देश्य काइरोप्रैक्टिक विधि से जोड़ों, रीढ़ की हड्डी, गर्दन और नसों के दर्द को ठीक करना है.


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- जिला मुख्यालय के नया बाजार मोहल्ले में वेदांता क्लीनिक का शुभारंभ
- दर्द और बांझपन के इलाज में विशेषज्ञता, बिना दवाओं और ऑपरेशन के होगा उपचार

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : जिला मुख्यालय के नया बाजार मोहल्ले में गुरुवार को जिला मुख्यालय के पहले काइरोप्रैक्टिक क्लीनिक ‘वेदांता क्लीनिक’ का उद्घाटन किया गया. यह क्लीनिक डॉक्टर मुर्शीद रज़ा द्वारा संचालित होगा, जो बिना दवाओं और ऑपरेशन के दर्द का इलाज करेंगे. इस क्लीनिक का उद्देश्य काइरोप्रैक्टिक विधि से जोड़ों, रीढ़ की हड्डी, गर्दन और नसों के दर्द को ठीक करना है, जो अब तक जिला मुख्यालय में उपलब्ध नहीं था.

डॉ. रज़ा का कहना है कि काइरोप्रैक्टिक उपचार पूरी तरह से प्राकृतिक है, जिसमें शरीर के विभिन्न हिस्सों पर दबाव डालकर दर्द को नियंत्रित किया जाता है. इस चिकित्सा पद्धति में न तो मशीनों का उपयोग होता है और न ही किसी प्रकार की दवाओं का, बल्कि हाथों के माध्यम से दर्द को ठीक किया जाता है. इससे पुराने से पुराने दर्द में भी राहत मिलती है. उनके अनुसार, काइरोप्रैक्टिक तकनीक तेजी से लोकप्रिय हो रही है, लेकिन छोटे शहरों में इसकी पहुंच अब तक सीमित थी. 'वेदांता क्लीनिक' के खुलने से बक्सर के लोगों को इस अत्याधुनिक तकनीक का लाभ मिल सकेगा.

उन्होंने बताया कि कैरोप्रैक्टिक अमेरिकन तकनीक है जिसकी खोज डेनियल डेविड पाल्मर ने 1895 में की थी. यह तकनीक धीरे-धीरे भारत में भी काफी लोकप्रिय हो रही है.

बांझपन का शर्तिया इलाज :

डॉ. मुर्शीद रज़ा ने कहा कि उनका क्लीनिक केवल दर्द के इलाज तक सीमित नहीं है. यहां पर बांझपन जैसी गंभीर समस्या का भी शर्तिया उपचार किया जाता है. बांझपन का इलाज करने में उनकी विशेषता है, जो बक्सर के निवासियों के लिए एक बड़ी सुविधा साबित होगी.

रोगियों का अनुभव :

उद्घाटन के दिन एक विशेष रोगी, फख़्रे आलम, जिन्होंने दो सालों से पीठ दर्द का सामना किया था, क्लीनिक पहुंचे. उनके अनुसार, कई उपचारों के बाद भी उन्हें दर्द से राहत नहीं मिली थी, लेकिन वेदांता क्लीनिक में काइरोप्रैक्टिक चिकित्सा के बाद उन्हें काफी आराम महसूस हुआ. फख़्रे आलम ने बताया कि पहले उनका दर्द लगातार बना रहता था, लेकिन इस उपचार के बाद अब वे बेहतर महसूस कर रहे हैं.

क्लीनिक के उद्घाटन अवसर पर कई स्थानीय विशिष्ट जन उपस्थित थे. दंत चिकित्सक डॉ. खालिद ने इस नई चिकित्सा सुविधा की प्रशंसा की और कहा कि यह तकनीक बक्सर के निवासियों के लिए बेहद फायदेमंद साबित होगी. उन्होंने कहा कि अब लोगों को अपने शारीरिक दर्द से छुटकारा पाने के लिए दवाओं या ऑपरेशनों की आवश्यकता नहीं पड़ेगी. डॉ मुर्शीद रज़ा को अपनी शुभकामनाएं देते हुए, उन्होंने उम्मीद जताई कि यह क्लीनिक स्थानीय लोगों के लिए वरदान साबित होगा. 

हर व्यक्ति दर्द से परेशान, मिलेगी राहत : 

कांग्रेस नेता और पूर्व वार्ड पार्षद डॉ. निसार अहमद ने कहा कि बक्सर वासियों के लिए यह क्लीनिक एक वरदान की तरह होगा. उन्होंने बताया कि आज के दौर में हर व्यक्ति किसी न किसी तरह के शारीरिक दर्द से परेशान रहता है, और इस क्लीनिक में काइरोप्रैक्टिक तकनीक के माध्यम से उन्हें नई राहत मिलेगी.

परिवार का गर्व :

डॉ. मुर्शीद रज़ा के पिता, समाजसेवी और भारतीय जनता पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चा के पूर्व जिलाध्यक्ष साबित रोहतसवी ने गर्व व्यक्त किया कि उनके तीनों पुत्र बक्सर जिले में चिकित्सा सेवा दे रहे हैं. उनके बड़े बेटे डॉ. दिलशाद एक प्रसिद्ध चिकित्सक हैं, जबकि दूसरे बेटे डॉ. खालिद दंत रोग विशेषज्ञ हैं। सबसे छोटे पुत्र डॉ. मुर्शीद अब इस क्लीनिक के माध्यम से जिले के लोगों की सेवा करेंगे. उन्होंने कहा कि बड़े शहरों में मिलने वाला यह उपचार अब बक्सर में उपलब्ध है, जिससे स्थानीय लोगों को लाभ उठाना चाहिए.

वीडियो : 











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