शराबबंदी के बावजूद जहरीली शराब से मौतों पर कांग्रेस ने उठाए सवाल

आने वाले दिनों में इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि जनता को भगवान का रूप माना जाता है और जनता के साथ खिलवाड़ करने वालों को कभी माफी नहीं मिलती. जनता को उसकी समस्याओं से जूझते छोड़ देना सरकार की बड़ी विफलता होगी.













- मृतकों के स्वजनों के लिए मुआवजे की मांग
- प्रशासन की नाकामी पर कांग्रेस का आरोप, सरकार को चेतावनी

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : बिहार में लागू शराबबंदी के बावजूद जहरीली शराब से हो रही मौतों पर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डॉ. मनोज कुमार पांडे ने गंभीर सवाल उठाए हैं. उन्होंने राज्य सरकार और प्रशासन पर कड़ी निंदा करते हुए कहा कि जिस राज्य में शराबबंदी है, वहां शराब से मौतें होना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और यह प्रशासनिक विफलता को दर्शाता है.

डॉ. पांडेय ने कहा कि प्रशासन की लापरवाही के कारण आम लोगों की जान जा रही है और इसका सीधा जिम्मेदार राज्य प्रशासन है. उन्होंने मांग की कि मृतकों के स्वजनों को 25 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए, जबकि जहरीली शराब के कारण आंख गंवाने वालों को 15 लाख रुपये की सहायता दी जाए. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि पीड़ितों को 10 हजार रुपये मासिक गुजारा भत्ता आजीवन दिया जाना चाहिए, ताकि परिवार की आर्थिक स्थिति सुधर सके.

कांग्रेस नेता ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार जनता के हित में काम नहीं करती और तानाशाही रवैया जारी रखती है, तो आने वाले दिनों में इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि जनता को भगवान का रूप माना जाता है और जनता के साथ खिलवाड़ करने वालों को कभी माफी नहीं मिलती. जनता को उसकी समस्याओं से जूझते छोड़ देना सरकार की बड़ी विफलता होगी.

डॉ. पांडेय ने कहा कि अब समय आ गया है कि सरकार शराबबंदी नीति पर पुनर्विचार करे और लोगों की जान की सुरक्षा सुनिश्चित करे.







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