कमलदह पोखर पार्क में अत्याधुनिक साइंस सेंटर का निर्माण शुरु

पैनलों के जरिए खगोल विज्ञान और अंतरिक्ष विज्ञान के विभिन्न विषयों को विद्यार्थियों के सामने लाइव प्रदर्शित किया जाएगा. इससे विद्यार्थियों को अंतरिक्ष के बारे में गहन जानकारी प्राप्त होगी और वे अंतरिक्ष विज्ञान के जटिल सिद्धांतों को बेहतर ढंग से समझ सकेंगे.












- एस्ट्रोनॉमी और स्पेस साइंस के ज्ञान से विद्यार्थियों को होगा लाभ
- 1.44 करोड़ की लागत से शुरु हुआ निर्माण, डेढ़ वर्ष में होगा पूरा

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : नगर के कमलदह पोखर पार्क में स्थित बाल विज्ञान केंद्र का जीर्णोद्धार कार्य शुरू कर दिया गया है. यह केंद्र एक आधुनिक साइंस सेंटर के रूप में विकसित किया जा रहा है, जिसमें विज्ञान, एस्ट्रोनॉमी और स्पेस साइंस से संबंधित विभिन्न मॉडलों और प्रदर्शनों को शामिल किया जाएगा. जिला मुख्यालय के रेलवे स्टेशन रोड पर स्थित इस बाल विज्ञान केंद्र के निर्माण के लिए ई-निविदा प्रकाशित की गई थी, जिसके बाद लगभग 1.44 करोड़ रुपये की राशि से इसका निर्माण कार्य आरंभ हो गया है जो कि लगभग डेढ़ साल में पूरा हो जाएगा. यह केंद्र खासकर स्कूली बच्चों के लिए एक आकर्षण का केंद्र बनेगा, जहां वे विज्ञान के विभिन्न सिद्धांतों को समझने और देखने का मौका प्राप्त करेंगे.

इस साइंस सेंटर को आधुनिक तकनीक से सुसज्जित किया जा रहा है, ताकि विद्यार्थियों को बेहतर तरीके से विज्ञान का ज्ञान दिया जा सके. इस केंद्र में 50 विद्यार्थियों के बैठने की क्षमता वाला एक प्लैनेटेरियम बनाया जा रहा है, जो भूतल पर स्थित होगा. प्लैनेटेरियम के माध्यम से एस्ट्रोनॉमी और स्पेस साइंस से जुड़े विभिन्न विषयों और सिद्धांतों को विद्यार्थियों के सामने वीडियो और प्रोजेक्टर के माध्यम से प्रस्तुत किया जाएगा. इस वीडियो शो के जरिए अंतरिक्ष विज्ञान, ग्रह-नक्षत्र और खगोलीय घटनाओं के बारे में जानकारी दी जाएगी, जिससे विद्यार्थियों की जिज्ञासा और समझ दोनों में वृद्धि होगी.

सिर्फ इतना ही नहीं, भूतल पर दो प्रदर्शनी रूम भी बनाए जा रहे हैं, जिनमें विज्ञान के मूलभूत सिद्धांतों को मॉडल के रूप में प्रदर्शित किया जाएगा. ये मॉडल विद्यार्थियों के लिए एक दृश्यात्मक अनुभव प्रदान करेंगे, जो उन्हें किताबों में दिए गए सिद्धांतों को आसानी से समझने में मदद करेंगे.

पुस्तक कैफे और प्रदर्शनी की विशेषता :

इस बाल विज्ञान केंद्र का निर्माण केवल विज्ञान प्रदर्शन तक सीमित नहीं होगा. इसके पहले फ्लोर पर एक पुस्तक कैफे भी बनाया जाएगा, जिसमें 50 विद्यार्थियों के एक साथ बैठकर पढ़ाई करने की व्यवस्था होगी. यह कैफे न केवल विद्यार्थियों के लिए बल्कि विज्ञान में रुचि रखने वाले लोगों के लिए भी एक उपयुक्त स्थान होगा, जहां वे विज्ञान से संबंधित किताबें पढ़ सकेंगे और अध्ययन कर सकेंगे.

पहले फ्लोर पर एक और प्रदर्शनी रूम भी होगा, जिसमें विज्ञान से संबंधित विभिन्न सिद्धांतों और मॉडलों को प्रदर्शित किया जाएगा. यह प्रदर्शनी रूम विज्ञान के बारे में विद्यार्थियों की समझ को और गहरा करने में मदद करेगा, क्योंकि यहां पर उन्हें इंटरएक्टिव रूप से विभिन्न वैज्ञानिक पहलुओं का अनुभव करने का मौका मिलेगा.

एस्ट्रोनॉमी और स्पेस साइंस का डिजिटल अनुभव : 

इस साइंस सेंटर के दूसरे तल पर एस्ट्रोनॉमी और स्पेस साइंस को डिजिटल पैनल के माध्यम से प्रदर्शित किया जाएगा. इन पैनलों के जरिए खगोल विज्ञान और अंतरिक्ष विज्ञान के विभिन्न विषयों को विद्यार्थियों के सामने लाइव प्रदर्शित किया जाएगा. इससे विद्यार्थियों को अंतरिक्ष के बारे में गहन जानकारी प्राप्त होगी और वे अंतरिक्ष विज्ञान के जटिल सिद्धांतों को बेहतर ढंग से समझ सकेंगे.

स्थानीय विद्यार्थियों में है उत्साह : 

बाल विज्ञान केंद्र के इस जीर्णोद्धार से जिले के स्थानीय लोगों और खासकर विद्यार्थियों में उत्साह है. जब पहली बार यह केंद्र बना था, तब भी जिलेवासियों में काफी उत्साह था, लेकिन वह अपनी पूरी क्षमता के साथ विकसित नहीं हो पाया था. अब एक बार फिर से इस पहल को लेकर स्थानीय लोगों और स्कूली बच्चों में खुशी का माहौल है. इसके पुनर्निर्माण के लिए लगभग 2.5 करोड़ रुपये की योजना बनाई गई थी, जिसमें से फिलहाल 1.44 करोड़ रुपये से कार्य शुरू हुआ है. आगे चलकर इस केंद्र को और भी विकसित करने की योजना है, ताकि यह एक प्रमुख वैज्ञानिक केंद्र के रूप में उभर सके.

कहते हैं पूर्व आइआरएस अधिकारी :
इस केंद्र के निर्माण से बच्चों में विज्ञान और अंतरिक्ष के गूढ़ रहस्यों को आसानी से समझना की क्षमता विकसित होगी. निश्चय ही बिहार सरकार के द्वारा कराया जा रहा है यह निर्माण भविष्य में बच्चों के लिए विभिन्न प्रकार के अवसर भी खोलेगा.
विनोद कुमार चौबे 
पूर्व आइआरएस अधिकारी, 
सह वरिष्ठ भाजपा नेता

कहते हैं अभियंता :
बाल विज्ञान संग्रहालय अब नए स्वरूप में होगा. कार्यारम्भ कर दिया गया है। तकरीबन डेढ़ वर्षों में इस कार्य का निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा.
राम अवतार नीरज,
कार्यपालक अभियंता
भवन निर्माण विभाग








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