मलई बराज योजना को शुरु करने की मांग, 'बदलो बिहार न्याय यात्रा' की सभा स्थगित

बदलो बिहार न्याय यात्रा’ अभियान के छठे दिन की पदयात्रा बक्सर जिला मुख्यालय से शुरू होकर नावानगर क्षेत्र के मलई बराज पर पहुंची. यहां सभा का आयोजन कर मलई बराज सिंचाई योजना को जल्द से जल्द चालू करने की मांग उठाई गई. 







                                                                   





- सिंचाई परियोजनाओं की अनदेखी से बर्बाद हो रही है खेती : डुमरांव विधायक
- गरीबों के मुद्दों पर संघर्ष के लिए माले ने पटना न्याय सम्मेलन का ऐलान किया

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : भाकपा (माले) के ‘बदलो बिहार न्याय यात्रा’ अभियान के छठे दिन की पदयात्रा बक्सर जिला मुख्यालय से शुरू होकर नावानगर क्षेत्र के मलई बराज पर पहुंची. यहां सभा का आयोजन कर मलई बराज सिंचाई योजना को जल्द से जल्द चालू करने की मांग उठाई गई. सभा के बाद पदयात्रा को स्थगित कर दिया गया.

मलई बराज पर सभा का नेतृत्व भाकपा (माले) के बक्सर जिला सचिव बैद्यनाथ यादव, डुमराँव विधायक डॉ. अजीत कुशवाहा, ऐपवा की जिला सचिव संध्या पाल और किसान महासभा के जिला अध्यक्ष रामदेव सिंह ने किया. डुमराँव विधायक डॉ. अजीत कुशवाहा ने अपने संबोधन में कहा कि इस क्षेत्र की सिंचाई और खेती की हालत चिंताजनक हो गई है। मलई बराज जैसी महत्वपूर्ण योजनाएं चार दशक से लंबित हैं, जिससे बाढ़ और सुखाड़ की समस्याएं इस क्षेत्र में लगातार बढ़ती जा रही हैं. उन्होंने कहा कि भाजपा के सत्ता में आने के बाद राजनीति का केंद्र धर्म बन गया है और जनता के असल मुद्दों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा.

कुशवाहा ने ‘बदलो बिहार न्याय यात्रा’ के उद्देश्यों पर रोशनी डालते हुए कहा कि यह यात्रा 95 लाख गरीब परिवारों को दो-दो लाख रुपये अनुदान, बाढ़ से स्थायी सुरक्षा, और भूमिहीनों को 5 डिसमिल जमीन दिए जाने जैसे सवालों को उठा रही है. उन्होंने यह भी घोषणा की कि आगामी 27 अक्टूबर को पटना में ‘न्याय सम्मेलन’ का आयोजन होगा, जहां नए बिहार के निर्माण के लिए हुंकार भरी जाएगी.

बक्सर जिला सचिव नवीन ने अपने वक्तव्य में राज्य की मौजूदा समस्याओं को उठाते हुए कहा कि स्मार्ट मीटर, राशन कार्ड, भूमि सर्वेक्षण, खेतिहर मजदूरों की बदहाली, और मजदूरों के पलायन जैसे गंभीर मुद्दों पर सरकार का रवैया दमनकारी है. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार जनहित के बजाय केवल दिखावे के कार्यक्रम चला रही है, और स्ट्रीट वेंडर्स के खिलाफ बुलडोजर चलाए जा रहे हैं. नवीन ने बताया कि माले का 'हक दो-वादा निभाओ' अभियान इसी तरह के अन्यायपूर्ण हालातों के खिलाफ एक मजबूत आवाज है, और अब 'बदलो बिहार न्याय यात्रा' इसी संघर्ष को आगे बढ़ा रही है.

सभा के दौरान कई नेताओं ने अपने विचार रखे. माले नेता रामदेव सिंह ने कहा कि राज्य में कृषि और सिंचाई की अनदेखी ने किसानों की हालत बद से बदतर कर दी है. उन्होंने कहा कि अगर सरकार सिंचाई और बिजली जैसी बुनियादी सुविधाओं पर मीटर लगाने की योजना बना रही है, तो गरीब किसानों और मजदूरों का भविष्य अंधकारमय है.

सभा में भाकपा (माले) के वरिष्ठ नेता और जिला कमिटी के सदस्य जग नारायण शर्मा, कन्हैया पासवान, विरेंद्र सिंह, संजय शर्मा, हरेन्द्र राम, धर्मेंद्र सिंह, नारायण दास, अभय पांडेय, धनजी पासवान, महफूज आलम, विनोद रजक, बिरबहादुर पासवान, विसर्जन राम, नीरज कुमार, रवि, सिकंदर चौधरी, सिकरौल के मुखिया मनोज यादव, मसरहियाँ के मुखिया मनोज कुमार, बरांव के मुखिया संतोष यादव, किसान नेता मंटू पटेल, सत्येंद्र कुशवाहा, धनलाल, राजकमल, सुरेश प्रसाद समेत सैकड़ों लोग उपस्थित थे.








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