नन्हे वैज्ञानिकों की राह में रोड़े अटकाने वालों को विभाग ने दी चेतावनी ..

डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम द्वारा इस योजना की परिकल्पना नन्हे वैज्ञानिकों की सोच को प्रोत्साहित करने के लिए की गई थी, जिसे 2010 से भारत सरकार द्वारा लागू किया गया है. इसके तहत कक्षा 6 से 10 तक के विद्यार्थियों के नवाचारों को ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड करना होता है, जिसकी अंतिम तिथि 15 अक्टूबर 2024 है. 








  • विद्यालयों की धीमी प्रगति पर विभाग ने जताई नाराजगी
  • 15 अक्टूबर है अंतिम तिथि, मात्र 88 स्कूलों ने किया नवाचार अपलोड

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : जिले के विद्यालयों में इंस्पायर अवार्ड मानक योजना के तहत नवाचार को बढ़ावा देने की प्रक्रिया बेहद धीमी गति से चल रही है. ऐसे में अब जिम्मेदार लोगों को विभाग से कार्रवाई की चेतावनी मिली है. डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम द्वारा इस योजना की परिकल्पना नन्हे वैज्ञानिकों की सोच को प्रोत्साहित करने के लिए की गई थी, जिसे 2010 से भारत सरकार द्वारा लागू किया गया है. इसके तहत कक्षा 6 से 10 तक के विद्यार्थियों के नवाचारों को ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड करना होता है, जिसकी अंतिम तिथि 15 अक्टूबर 2024 है. 

हालांकि, जिले के 600 से अधिक सरकारी स्कूलों में से अब तक केवल 88 स्कूलों ने अपने विद्यार्थियों के विचार पोर्टल पर अपलोड किए हैं. बक्सर जिले में स्कूलों की संख्या काफी अधिक है, लेकिन विद्यालय प्रशासन की धीमी गति पर विभाग द्वारा सख्त रुख अपनाया जा रहा है. इंस्पायर अवार्ड मानक योजना के तहत चयनित छात्रों को ₹10,000 की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर चयनित छात्रों को जापान जाने का अवसर मिलता है.

शिक्षकों की लापरवाही पर विभागीय कार्रवाई की चेतावनी :

जिला कार्यक्रम पदाधिकारी समग्र शिक्षा, शारीक असरफ ने 26 सितंबर 2024 को एक आदेश जारी किया. इसमें स्पष्ट कहा गया है कि जो भी विद्यालय प्रधानाध्यापक या शिक्षक अपने कर्तव्यों में लापरवाही बरत रहे हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और वेतन भी रोका जा सकता है.

इंस्पायर अवार्ड योजना का उद्देश्य :

इंस्पायर अवार्ड - मानक योजना का उद्देश्य 6वीं से 10वीं कक्षा के छात्रों में वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देना है. इसके तहत छात्र अपने विचार प्रस्तुत करते हैं, जिन्हें जिला और राष्ट्रीय स्तर पर चयनित किया जाता है. राष्ट्रीय विजेता छात्रों को विदेश जाने का अवसर मिलता है, और उन्हें विज्ञान के क्षेत्र में अपनी प्रतिभा दिखाने का मंच प्रदान किया जाता है.

कहते हैं अधिकारी :
"यह योजना विद्यार्थियों के नवाचार को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई है. शिक्षकों और प्रधानाध्यापकों का दायित्व है कि वे इसे गंभीरता से लें और निर्धारित समयसीमा के भीतर कार्य पूरा करें. लापरवाही बरतने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी और उनका वेतन रोका जा सकता है."
 - शारीक अशरफ, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, समग्र शिक्षा.





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