बताया कि वह इस प्रतियोगिता में हर साल शामिल होते हैं. उन्होंने कहा कि वह देशभर में कहीं भी घुड़दौड़ होने पर अपने घोड़े के साथ जाना पसंद करते हैं, कई स्थानों पर बेइमानी भी होती है. हालांकि नियाज़ीपुर में ऐसा कभी नहीं होता. उन्हें इस बात का मलाल भी था कि बीमार होने के कारण उनके घोड़े प्रतियोगिता में शामिल नहीं हो सके.
- शरद पूर्णिमा के अवसर पर नियाज़ीपुर में घुड़दौड़ प्रतियोगिता का आयोजन
- मोतिहारी की रानी कोठी के घोड़े ‘एकता एक्सप्रेस’ ने प्राप्त किया प्रथम स्थान
- सैयद फरहान अहमद खान और नेपाली बाबा के घोड़ों का भी सराहनीय प्रदर्शन
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : जिले के सिमरी प्रखंड के नियाज़ीपुर में जय नाथ महर्षि उपमन्यु उच्च विद्यालय के प्रांगण में महावीर पूजा समिति ट्रस्ट के तत्वावधान में शरद पूर्णिमा के अवसर पर आयोजित त्रिदिवसीय महोत्सव के दूसरे दिन घुड़दौड़ प्रतियोगिता का आयोजन हुआ. इस अन्तर्राज्जीय घोड़ा रेस में बिहार और उत्तर प्रदेश से लगभग 25 घुड़सवारों ने अपने घोड़ों के साथ हिस्सा लिया. आयोजन में मुख्य आकर्षण मोतिहारी की रानी कोठी के घोड़े ‘एकता एक्सप्रेस’ का रहा, जिसने अपने अद्वितीय प्रदर्शन से सभी को पीछे छोड़ते हुए प्रथम स्थान हासिल किया.
कार्यक्रम में अपने घोड़े को लेकर पहुंचे अनंत सिंह के चाचा विवेका पहलवान ने बताया कि वह इस प्रतियोगिता में हर साल शामिल होते हैं. उन्होंने कहा कि वह देशभर में कहीं भी घुड़दौड़ होने पर अपने घोड़े के साथ जाना पसंद करते हैं, कई स्थानों पर बेइमानी भी होती है. हालांकि नियाज़ीपुर में ऐसा कभी नहीं होता. उन्हें इस बात का मलाल भी था कि बीमार होने के कारण उनके घोड़े प्रतियोगिता में शामिल नहीं हो सके. साथ ही उन्होंने यह भी अफसोस बताया कि आज के समय में कई परेशानियों के कारण घोड़ा रखने वाले लोगों में कमी आई है.
महावीर पूजा समिति ट्रस्ट के सदस्य मनोज कुमार पाठक ने बताया कि प्रतियोगिता में शामिल सभी घोड़े में तीन घोड़े विजेता बने जिन्हें प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान पर रहे. जिनमें सैय्यद फरहान अख्तर का घोड़ा "एकता एक्सप्रेस" प्रथम, नेपाली बाबा की घोड़ी "बिजली रानी" द्वितीय तथा तीसरे स्थान पर भी सैय्यद फरहान अख्तर का घोड़ा "मोतिहारी एक्सप्रेस" रहा और प्रतियोगिता की शील्ड पर कब्जा जमाया.
अयोध्या से जीत कर आया मोतिहारी का "एकता एक्सप्रेस"
मोतिहारी रानी कोठी के सैयद फरहान अहमद का घोड़ा 'एकता एक्सप्रेस' बालोतरा नस्ल का है. घुड़सवार नेघु ने बताया कि ‘एकता एक्सप्रेस’ अयोध्या में हुई प्रतियोगिता का विजेता बनकर बक्सर के नियाज़ीपुर पहुंचा है. उन्होंने कहा कि घोड़ा शौक की चीज है और यह अनमोल है. यह घोड़ा पिछले 4 साल से लगातार विजेता बना हुआ है.
5 लाख रुपये में खरीदा गया था "बागी"
अनंत सिंह के चाचा विवेका पहलवान का घोड़ा 'बागी' काठियावाड़ी नस्ल का है. विवेका पहलवान बिहार केशरी का खिताब जीत चुके हैं, और उनके भाई की पत्नी बाढ़ के नंदवा पंचायत की मुखिया निर्विरोध चुनी गई हैं.
इस घोड़े की लोकप्रियता और लगातार जीत के कारण लोग इसे 21 लाख रुपये में खरीदने को तैयार हैं. घोड़े की देखरेख करने वाले शंभू सिंह ने बताया कि इसे राजस्थान के तिलवाड़ा से 4 साल पहले 5.5 लाख रुपये में खरीदा गया था
15 लाख के घोड़े को हराकर बिजली रानी बनी विजेता
बलिया निवासी नेपाली बाबा की घोड़ी ‘बिजली रानी’ दूसरे स्थान पर रही. नेपाली बाबा पहले फौज में थे और रिटायर होने के बाद सामाजिक कार्यों से चर्चित हुए. उन्हें बलिया जिले में घोड़े वाले के नाम से जाना जाता है, और उनके नाम से एक गली भी प्रसिद्ध है.
नेपाली बाबा ने बताया कि 2016 से यह घोड़ी उनके पास है. हाल ही में एक प्रतियोगिता में इसने 15 लाख रुपये के घोड़े को हराकर विजेता कप जीता था. बिजली रानी को रोजाना चना, भूसा, बादाम और 1640 रुपये की दवाइयां दी जाती हैं
अन्य घोड़ों ने भी सराहनीय प्रदर्शन किया, लेकिन मोतिहारी के इस घोड़े की गति और ताकत से किसी का मुकाबला नहीं हो सका. इस रोमांचक घोड़ा रेस प्रतियोगिता को देखने के लिए दूर-दूर से आए दर्शकों की भारी भीड़ उमड़ी थी. प्रतियोगिता की शुरुआत से ही रानी कोठी का घोड़ा ‘एकता एक्सप्रेस’ अपनी गति और ताकत के साथ सबका ध्यान खींच रहा था. जब उसने ट्रैक पर दौड़ना शुरु किया, तो उसकी तेजी और शक्ति ने न केवल प्रतियोगिता के अन्य प्रतिभागियों को पीछे छोड़ा बल्कि दर्शकों के बीच चर्चा का विषय भी बन गया.
इन विजेताओं को विशेष शील्ड और नकद पुरस्कार से सम्मानित किया गया. प्रथम पुरस्कार मोतिहारी के घोड़े ‘एकता एक्सप्रेस’ को मिला, जबकि नेपाली बाबा और सैयद फरहान अहमद खान के घोड़ों को क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर आने के लिए पुरस्कार प्रदान किए गए. इन घोड़ों के मालिकों ने अपनी जीत पर गर्व व्यक्त किया और बताया कि उन्होंने अपने घोड़ों की कड़ी मेहनत और लंबे समय तक की गई ट्रेनिंग का फल अब जाकर मिला है.
महोत्सव में दर्शकों का उमड़ा हुजूम :
इस अन्तर्राज्जीय घुड़दौड़ प्रतियोगिता का आयोजन शरद पूर्णिमा के महोत्सव के तहत हुआ, जो हर साल नियाज़ीपुर में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है. इस बार भी यह महोत्सव लोगों के लिए एक खास अनुभव साबित हुआ, क्योंकि घुड़दौड़ के साथ-साथ अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने भी दर्शकों का मनोरंजन किया. इस महोत्सव में भाग लेने वाले लोग दूर-दूर से आए थे, जो घोड़ों की शानदार दौड़ के साथ-साथ यहां की सांस्कृतिक धरोहर का भी आनंद लेने के लिए उपस्थित थे.
मुख्य अतिथियों को किया गया सम्मानित :
इस आयोजन के मुख्य अतिथि विवेका पहलवान, सुभाष राय और अजय सिंह ने विजेताओं को सम्मानित किया. इसके अलावा समिति के अध्यक्ष एकराम पाठक और सचिव रविशंकर पाठक ने आयोजन की सफलता पर गर्व व्यक्त किया. मंच संचालन मनोज पाठक द्वारा किया गया, जिन्होंने पूरे कार्यक्रम को कुशलता से आगे बढ़ाया. इस आयोजन में मार्कण्डेय जी पाठक, उमाशंकर पाठक, हरेंद्र पाठक, डॉ. नवीन शंकर पाठक, गिरीश कुमार राय, जयप्रकाश बंटी और चंद्रकांत पाठक समेत अन्य स्थानीय गणमान्य व्यक्तियों का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा.
इस महोत्सव में ग्रामीणों का भी सहयोग देखने को मिला. उप मुखिया प्रतिनिधि पिन्टू पाठक, बिहारी यादव, संजय पासवान और उमाशंकर राम समेत क्षेत्रवासियों ने भी आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
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