बड़े पीर साहब की याद में हुआ मिलाद

उन्होंने कहा कि बड़े पीर साहब की शिक्षाएं और नमाज दुनिया को जन्नत की तरफ ले जाने वाली हैं. उन्होंने पीर साहब की शिक्षाओं को जीवन में अपनाने का आह्वान किया.











- सैकड़ों लोगों की उपस्थिति में हुई तकरीरें
- संत अब्दुल कादिर जिलानी को श्रद्धांजलि अर्पित

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : साबित खिदमत फाउंडेशन में इस साल भी हजरत अब्दुल कादिर जिलानी बगदादी की याद में मिलाद का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की शुरुआत साबित रोहतस्वी की नकाबत से हुई, जिन्होंने बड़े पीर साहब के बताए रास्तों पर चलने का महत्व समझाया. उन्होंने कहा कि शेख अब्दुल कादिर जिलानी के जीवन से प्रेरणा लेकर सभी को लाखों सवाब मिल सकता है.

इस मौके पर डॉक्टर दिलशाद आलम, मानव अधिकार एवं सामाजिक न्याय बिहार प्रांत के सचिव और साबित खिदमत हॉस्पिटल के डायरेक्टर ने भी अपने विचार व्यक्त किए. उन्होंने कहा कि बड़े पीर साहब की शिक्षाएं और नमाज दुनिया को जन्नत की तरफ ले जाने वाली हैं. उन्होंने पीर साहब की शिक्षाओं को जीवन में अपनाने का आह्वान किया.

कार्यक्रम के दौरान फक्र आलम ने भी अपनी तकरीर में शेख अब्दुल कादिर जिलानी के जीवन और उनके द्वारा किए गए कार्यों पर प्रकाश डाला. इसके साथ ही डॉक्टर खालिद रजा ने भी गोस आजम का मुझ पर करम है पढ़कर सबका ध्यान आकर्षित किया. अंत में, साबित रोहतस्वी ने "मेरे ग़ौसुल आजम का मुझपे करम है" पढ़कर कार्यक्रम को और खास बना दिया.

इस मौके पर सिराज खान, नासिर हुसैन, नसीम अंसारी, रौशन श्रीवास्तव, प्रदीप राय, मदन ठाकुर, हाफिज सैय्यद, सैयद अबुल इरफान, जैन आलम, फ़राज़ आलम और सैयद हमीद रजा सहित अनेकों लोग उपस्थित थे, जिन्होंने बड़े पीर साहब को श्रद्धांजलि अर्पित की.







Post a Comment

0 Comments