उन्होंने महाभारत के प्रसंग का उल्लेख करते हुए बताया कि किस प्रकार युधिष्ठिर के यज्ञ पर अभिमान को नेवले के प्रसंग ने दूर कर दिया. इस घटना से युधिष्ठिर को यज्ञ की सच्ची महिमा का आभास हुआ.
- श्रीमद्भागवत कथा में जीवन की वास्तविक आनंद यात्रा का संदेश
- भक्ति, ज्ञान और वैराग्य से युक्त जीवन की महिमा का वर्णन
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : जिले के सिमरी प्रखंड के धनहा ब्रह्मस्थान में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन प्रसिद्ध भागवताचार्य डॉ. भारतभूषण जी महाराज ने भक्तों को प्रवचनों के माध्यम से आध्यात्मिक संदेश दिए. उन्होंने भगवान की शरणागति को जीवन में सुख और शांति का वास्तविक स्रोत बताया. उनका कहना था कि भगवान की स्मरण शक्ति से जीवन खुशहाल होता है, जबकि उनकी उपेक्षा करने से व्यक्ति दुख और अवसाद में फंसता है.
आचार्य भारतभूषण ने प्रवचन में बताया कि संत और महापुरुष भगवान की महिमा का बखान कर समाज को श्रेष्ठ मार्ग दिखाते हैं. उन्होंने कहा कि जो लोग भगवान श्रीकृष्ण की कथा सुनाते हैं, वे सबसे बड़े दानी हैं. उनके अनुसार, ऐसे महापुरुष दूसरों के जीवन में समर्पण और कृतज्ञता की भावना का संचार करते हैं.
कलियुग के संदर्भ में उन्होंने कहा कि इस युग में भी संतों का हृदय भक्ति और ज्ञान से परिपूर्ण रहता है. भागवत कथा को उन्होंने भक्ति, ज्ञान और वैराग्य का स्रोत बताते हुए कहा कि इसके श्रवण से प्रेतत्व का नाश होता है और व्यक्ति ईश्वर के निकट पहुंचता है.
यज्ञ की शुद्धि से होता है सृष्टि का संचालन :
डॉ. भारतभूषण ने यज्ञ के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि गृहस्थ जीवन में पंचयज्ञ का पालन आवश्यक है. उन्होंने महाभारत के प्रसंग का उल्लेख करते हुए बताया कि किस प्रकार युधिष्ठिर के यज्ञ पर अभिमान को नेवले के प्रसंग ने दूर कर दिया. इस घटना से युधिष्ठिर को यज्ञ की सच्ची महिमा का आभास हुआ. आचार्य ने बताया कि यज्ञ तभी सफल होते हैं जब साधनों की शुद्धि होती है, अन्यथा उनका कोई फल नहीं मिलता.
कार्यक्रम में कमलाकांत तिवारी, प्रभुनाथ तिवारी, रणजीत तिवारी, सुमन सहाय, सर्वजीत यादव, माधव तिवारी और सुशील तिवारी सहित अन्य श्रद्धालुओं ने व्यासपीठ की पूजा-अर्चना कर अपनी श्रद्धा व्यक्त की.
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