दिखाया गया कि श्रीकृष्ण राधा रानी से नंदगांव के बाहर मिलते हैं और दोनों का आपसी परिचय होता है. बाद में, राधा जी श्रीकृष्ण के घर नंदगांव आती हैं और उनकी मैया से मिलती हैं, जहां कृष्ण-राधा की सगाई पक्की हो जाती है. इस दृश्य ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया और पूरे मैदान में श्रीकृष्ण की जयकार गूंज उठी.
- -कृष्ण और राधा की श्याम सगाई का भावपूर्ण मंचन
- रामलीला में सुग्रीव मित्रता और बाली वध के प्रसंग ने बांधा समां
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : श्री रामलीला समिति के तत्वावधान में आयोजित 21 दिवसीय विजयादशमी महोत्सव के चौदहवें दिन, मंगलवार को श्रीधाम वृंदावन से आए सुप्रसिद्ध रामलीला मण्डल ने राधा-कृष्ण की श्याम सगाई का भावपूर्ण मंचन किया. इसके साथ ही रात्रि में 'सुग्रीव मित्रता' और 'बाली वध' के प्रसंग ने दर्शकों को भाव-विभोर कर दिया.
श्रीधाम वृंदावन से पधारी श्री राधा माधव रासलीला एवं रामलीला संस्थान के स्वामी सुरेश उपाध्याय के सफल निर्देशन में कृष्ण लीला के दौरान 'श्याम सगाई' का मंचन किया गया. इसमें दिखाया गया कि श्रीकृष्ण राधा रानी से नंदगांव के बाहर मिलते हैं और दोनों का आपसी परिचय होता है. बाद में, राधा जी श्रीकृष्ण के घर नंदगांव आती हैं और उनकी मैया से मिलती हैं, जहां कृष्ण-राधा की सगाई पक्की हो जाती है. इस दृश्य ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया और पूरे मैदान में श्रीकृष्ण की जयकार गूंज उठी.
रात्रि में 'सुग्रीव मित्रता' और 'बाली वध' के प्रसंग का मंचन हुआ, जिसमें भगवान राम और सुग्रीव के मित्र बनने की कथा दर्शाई गई. सुग्रीव की सहायता से श्रीराम बाली का वध करते हैं और सुग्रीव को किष्किंधा का राज्य सौंपते हैं. इस प्रसंग को देखकर श्रद्धालु भावविभोर हो उठे और जय श्रीराम के नारे से पूरा पंडाल गूंज उठा.
मंचन के दौरान समिति के सचिव बैकुंठ नाथ शर्मा, संयुक्त सचिव हरिशंकर गुप्ता, कोषाध्यक्ष सुरेश संगम, कृष्ण कुमार वर्मा, उदय सर्राफ जोखन, कमलेश्वर तिवारी और अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे.
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