वीडियो : युवाओं ने शुरु की नई परम्परा, इस तरह से बचा रहे लोगों का जीवन

बताया कि रक्तदान से किसी प्रकार की कमजोरी नहीं होती बल्कि जरूरतमंत लोगों का जीवन बचाने की खुशी होती है. किसी भी स्वस्थ व्यक्ति के द्वारा वर्ष में चार बार तक रक्तदान किया जा सकता है. 












  • - नई सोच, नई परंपरा के तहत बक्सर में आयोजन
  • - रेडक्रॉस के चेयरमैन ने किया शिविर का उद्घाटन

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : ब्यूटीफुल लाइफ ओनली ऑन डोनेटिंग संस्था के बैनर तले युवाओं की एक टोली लोगों को रक्तदान के लिए जागरूक कर रही है. संस्था के द्वारा विभिन्न अवसरों पर रक्तदान करने की परम्परा के तहत कुमार गौरव श्रीवास्तव के जन्मदिन के अवसर पर एक दर्जन युवाओं ने रक्त का महादान किया.

इस कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए कुमार गौरव ने बताया कि रक्तदान करने की यह परम्परा संस्था के द्वारा शुरु की गयी है जिसमें हर शुभ अवसर पर रक्त का महादान किया जाता है. उन्होंने कहा कि वह लोगों से आग्रह करते हैं कि नियमित रूप से रक्त का महादान करें. साल में चार बार रक्तदान कर सकते हैं. कम से कम से तीन या दो बार रक्तदान जरूर करना चाहिए. 

संस्था के संयोजक तथा अब तक 80 बार से ज्यादा बार रक्तदान कर चुके व राज्य स्तर पर सम्मानित रक्तदाता प्रियेश कुमार ने बताया कि शुभारंभ - नई सोच" के तहत लोगों को यह प्रेरित किया जा रहा है कि वह जीवन के विभिन्न सुअवसरों पर रक्त का महादान करें.

ब्लड बैंक के लैब टेक्नीशियन सुजीत कुमार ने बताया कि कोई भी स्वस्थ व्यक्ति साल में चार बार रक्त दान कर सकता है. कम से कम तीन बार तो वह निश्चित रूप से रक्तदान कर सकता है. रक्तदान करने से किसी प्रकार के कमजोरी नहीं होती, बल्कि ब्लड प्रेशर शुगर जैसी बीमारियों से निजात मिलती है और व्यक्ति स्वस्थ रहता है.

रविशंकर शर्मा ने बताया कि वह साल में चार बार रक्तदान करते हैं. रक्तदान को लेकर लोगों के बीच किसी प्रकार की भ्रांति नहीं रहनी चाहिए, क्योंकि इससे किसी प्रकार की कोई कमजोरी महसूस नहीं होती बल्कि यह खुशी होती है कि आपका रक्त किसी के काम आ गया. रक्तदान करने के बाद तेजी से नया खून बनता है.

नगर के मध्य स्थित लोहंदी भवन में मंगलवार को "शुभारंभ – नई सोच, नई परंपरा" कार्यक्रम के अंतर्गत एक रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया. यह शिविर "ब्यूटीफुल लाइफ ऑनली ऑन डोनेटिंग (BLOOD)" संस्था के द्वारा आयोजित किया गया, जिसमें नियमित रक्तदाता कुमार गौरव श्रीवास्तव के जन्मदिवस के अवसर पर उन्हें सम्मानित किया गया. शिविर का शुभारंभ रेडक्रॉस के चेयरमैन सुरेश अग्रवाल द्वारा सुबह 10:30 बजे किया गया. मौके पर रक्तदाताओं ने बताया कि संस्था के द्वारा एक अभियान शुरू किया गया है इसके तहत विभिन्न अवसरों पर रक्त का महादान किया जाता है चाहे जन्मदिन हो या विवाह वर्षगांठ अथवा अन्य किसी अन्य शुभ अवसर रक्तदान कर समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन किया जाता है. मौके पर मौजूद विशेषज्ञों ने बताया कि रक्तदान से किसी प्रकार की कमजोरी नहीं होती बल्कि जरूरतमंत लोगों का जीवन बचाने की खुशी होती है. किसी भी स्वस्थ व्यक्ति के द्वारा वर्ष में चार बार तक रक्तदान किया जा सकता है. 

शिविर में 12 लोगों ने किया रक्तदान :

रक्तदान शिविर में कुल 12 रक्तदाताओं ने रक्तदान किया. इनमें लक्ष्मी देवी, पूजा कुमारी, रवि शंकर शर्मा, राकेश कुमार, सौरव टेबरीवाल, सचिन राय, अभिषेक लोहिया, सचिन कुमार, प्रवीण अग्रवाल, आशीष अग्रवाल, चंद्रकांत "निराला", शैलेंद्र कुमार और हिमांशु उपाध्याय शामिल थे. सभी रक्तदाताओं को संस्था की ओर से अंगवस्त्र और सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया गया.

जागरूकता बढ़ाने का प्रयास :

शिविर के सचिव प्रवीण रंजन ने बताया कि संस्था प्रत्येक माह रक्तदान शिविर का आयोजन करती है ताकि रक्तदान के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाई जा सके. "शुभारंभ – नई सोच, नई परंपरा" के तहत संस्था शुभ अवसरों पर रक्तदान की परंपरा को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है, जिससे ब्लड बैंक में खून की कमी को पूरा किया जा सके.

आयोजकों का विशेष योगदान :

शिविर को सफल बनाने में संस्था के अध्यक्ष प्रियेश, उपाध्यक्ष रवि शंकर शर्मा, कोऑर्डिनेटर अखिलेंद्र चौबे, रेडक्रॉस के उपाध्यक्ष सौरभ कुमार तिवारी, सचिव डॉ श्रवण कुमार तिवारी, कोषाध्यक्ष दीपक अग्रवाल, सुमित मानसिंहका, संजय चौधरी, अवधेश जी और ब्लड बैंक के सहयोगी सुनील कुमार, अनुराग, मुकेश, संतोष कुमार का विशेष योगदान रहा.

उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजन न केवल जरूरतमंदों को मदद पहुंचाते हैं बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव की दिशा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.

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