गोपाष्टमी पर्व पर गायों की पूजा-अर्चना, भक्तों में उमड़ा उत्साह

मान्यता है कि इस दिन श्रीकृष्ण ने अपनी बाल अवस्था में गायों की सेवा का आरंभ किया था. हिंदू धर्म में गाय को माता का दर्जा दिया गया है और यह मान्यता है कि गाय की पूजा से समस्त देवी-देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है.








                                            






- कार्तिक शुक्ल पक्ष की अष्टमी पर भगवान कृष्ण और गायों की पूजा का आयोजन
- श्रद्धालुओं ने प्रसाद वितरण के बाद गोसेवा में दी भागीदारी

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : नगर क्षेत्र स्थित स्टेशन रोड गौशाला में शनिवार को गोपाष्टमी का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस मौके पर गौशाला के गायों की पूजा-अर्चना की गई, जिसमें भक्तों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया. पूजा के बाद श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद का वितरण किया गया.

गोपाष्टमी, जो कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है, भगवान श्रीकृष्ण और गायों की पूजा के लिए समर्पित है. मान्यता है कि इस दिन श्रीकृष्ण ने अपनी बाल अवस्था में गायों की सेवा का आरंभ किया था. हिंदू धर्म में गाय को माता का दर्जा दिया गया है और यह मान्यता है कि गाय की पूजा से समस्त देवी-देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है. गौशाला में हुए इस आयोजन का उद्देश्य गायों के प्रति कृतज्ञता और सम्मान प्रकट करना था. इस अवसर पर श्रद्धालुओं ने न केवल गायों की पूजा की, बल्कि गोसेवा में अपनी भूमिका निभाई.

इस आयोजन में गौशाला के सचिव अनिल मानसिंहका, उपाध्यक्ष सुरेश राय, रोहतास गोयल, सौरभ तिवारी, सुरेश संगम, दीपक अग्रवाल, सत्यदेव प्रसाद, अगम पांडेय और रामप्रवेश मिश्रा शामिल थे. मारवाड़ी महिला समिति ने इस अवसर पर गौशाला में गायों के लिए चोकर, गुड़ और खली भेंट किया. गौशाला के सचिव अनिल मानसिंहका ने बताया कि गौशाला में आम लोग भी अपने सामर्थ्य के अनुसार योगदान कर सकते हैं, जिससे गायों की सेवा में वृद्धि हो सके.

उन्होंने यह भी बताया कि गाय की सेवा से हर मनोकामना पूरी होती है और मृत्यु के बाद गोलोक में स्थान मिलता है. उन्होंने श्रद्धालुओं को गौशाला में आकर गोसेवा में भागीदारी का आग्रह किया.










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