लिट्टी-चोखा भोज में दिखी सामाजिक समरसता की झलक

कहा कि इस तरह के आयोजनों से समाज में भाईचारा कायम रहता है और अलग-अलग विचारधाराओं के लोग आपसी मतभेद भुलाकर साथ आने का मौका पाते हैं.

 







                                            




- राजनीतिक दलों के बीच मेलजोल का अनोखा उदाहरण
- गैर-राजनीतिक कार्यक्रम में गणमान्य लोगों ने की शिरकत

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : विधानसभा उपचुनाव के परिणाम के बाद जहां राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं, वहीं 2025 के विधानसभा चुनाव की तैयारी अभी शुरू हो गई है. इसी बीच बक्सर में पंचकोसी परिक्रमा के आखिरी दिन सामाजिक समरसता की अनूठी मिसाल देखने को मिली. सिकरौल पंचायत के पूर्व मुखिया विभोर कुमार द्विवेदी ने स्थानीय व्यवहार न्यायालय के समीप अपने निजी परिसर में लिट्टी-चोखा भोज का आयोजन किया. इस कार्यक्रम में समाज के विभिन्न वर्गों और राजनीतिक दलों से जुड़े लोगों ने सहभागिता की. दलों का भेदभाव मिटाकर इस आयोजन ने दिलों को जोड़ने का कार्य किया.


कार्यक्रम का संचालन बिहार प्रदेश युवा कांग्रेस के नेता राहुल चौबे ने किया. मौके पर भाजपा, कांग्रेस, लोजपा (रामविलास) सहित अन्य दलों के प्रतिनिधि और सामाजिक कार्यकर्ता भी उपस्थित रहे. पूर्व मुखिया विभोर कुमार द्विवेदी ने इस कार्यक्रम को पूरी तरह गैर-राजनीतिक बताते हुए कहा कि इसका उद्देश्य सामाजिक समरसता को मजबूत करना और आपसी सद्भाव को बढ़ावा देना है.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता टीएन चौबे ने कहा कि इस तरह के आयोजनों से समाज में भाईचारा कायम रहता है और अलग-अलग विचारधाराओं के लोग आपसी मतभेद भुलाकर साथ आने का मौका पाते हैं.

इस कार्यक्रम में भाजपा नेता प्रदीप राय, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कामेश्वर पांडेय, लोजपा (रामविलास) जिला अध्यक्ष अखिलेश सिंह, भाजपा युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष सौरभ तिवारी, युवा नेता राहुल दूबे, वरिष्ठ कांग्रेस नेता कमलेश सिंह, हरिशंकर त्रिवेदी, कांग्रेस नेता नीतीश कुमार, समाजसेवी विशाल तिवारी, फुटबॉल कोच संतोष पांडेय, कांग्रेस नेता हरिशंकर त्रिवेदी, रवि श्रीवास्तव, समाजसेवी बबली दूबे, भाजपा नेता अमित पांडेय, कमलेश मौर्य, कांग्रेस नेता राकेश तिवारी, फेयर प्राइस डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष श्रीकृष्ण चौबे और कांग्रेस नेता पांडेय, शुभम तिवारी, वार्ड पार्षद शशि गुप्ता, वार्ड पार्षद प्रतिनिधि जय तिवारी, सहित कई गणमान्य लोग मौजूद रहे.

कार्यक्रम के दौरान लोगों ने लिट्टी-चोखा का आनंद लिया और आपसी मेलजोल बढ़ाया. इस आयोजन ने राजनीति से परे जाकर सामाजिक समरसता और मेलजोल का संदेश दिया.









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