रैयतों से आवेदन पत्र प्राप्ति में तीव्रता लाने के लिए 10 दिसंबर को प्राथमिक विद्यालय हरिपुर में मौजा - हरिपुर, लरई, कोडरवा एवं अन्य मौजों के लिए कैंप स्थल पर रैयतों से आवेदन प्राप्त करने एवं जांच तथा मुआवजा भुगतान की कार्रवाई की जाएगी.
- नगर के यातायात दबाव को कम करने के लिए शुरू होगा बाइपास निर्माण कार्य
- तीन वर्षों से चल रही एलाइनमेंट प्रक्रिया, जल्द शुरू होगा मुआवजा वितरण
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : राष्ट्रीय राजमार्ग 922 के चौड़ीकरण के बाद नगर में वाहनों की संख्या में अचानक वृद्धि देखी गई. इसी के मद्देनजर राष्ट्रीय राजमार्ग 922 को राष्ट्रीय राजमार्ग 30 से जोड़ने वाले बाइपास का निर्माण शीघ्र आरंभ किया जाएगा. पथ निर्माण विभाग इस परियोजना पर जोर-शोर से कार्य कर रहा है. भू-अर्जन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और जल्द ही मुआवजा वितरण के लिए कैंप लगाए जाएंगे. इस बाइपास के निर्माण से वाहनों की आवाजाही सुगम होगी और बक्सर नगर के क्षेत्र का विस्तार भी संभव होगा. यदि सब कुछ योजना के अनुसार हुआ, तो अगले छह महीनों में भू-अर्जन प्रक्रिया पूरी कर निर्माण कार्य आरंभ हो जाएगा.
नए बाइपास को राष्ट्रीय उच्च पथ संख्या 319-ए के नाम से जाना जाएगा. मोहनिया-रामगढ़-चौसा होते हुए बक्सर तक आने वाले इस सड़क के निर्माण के लिए भू अर्जन हितबद्ध रैयतों से आवेदन पत्र प्राप्ति में तीव्रता लाने के लिए 10 दिसंबर को प्राथमिक विद्यालय हरिपुर में मौजा - हरिपुर, लरई, कोडरवा एवं अन्य मौजों के लिए कैंप स्थल पर रैयतों से आवेदन प्राप्त करने एवं जांच तथा मुआवजा भुगतान की कार्रवाई की जाएगी.
सूचना जन संपर्क पदाधिकारी ने बताया कि भू-अर्जन पदाधिकारी, अंचलाधिकारी, अंचल निरीक्षक संबंधित हल्का कर्मचारी तथा अमीन उपस्थित रहेंगे ताकि आवेदन पत्रों की जांच कैंप स्थल पर ही की जा सके. हल्का कर्मचारी अपने साथ राजस्व अभिलेख भी रखेंगे जबकि विधि व्यवस्था के संधारण के लिए मुफस्सिल थाने की पुलिस भी मौके पर मौजूद रहेगी.
बाइपास का मार्ग और संरचना :
विभागीय सूत्रों के अनुसार, यह बाइपास राष्ट्रीय राजमार्ग 922 के पास स्थित कथकौली लड़ाई मैदान के उत्तर से आरंभ होगा। यह रेलवे लाइन और नहर पार करते हुए सदर प्रखंड के गुरुदास मठिया, दुबौली, हरिपुर, लरई सलेम चौक और ठोरा नदी को पार करेगा. इसके बाद चौसा प्रखंड के नवागांव-शरीफपुर, चुन्नी, सीबीसी कैनाल, महादेवा, धर्मागतपुर, कनक नारायणपुर, चौसा गोला (अखौरीपुर), जलवंदे, अलावलपुर और कर्मनाशा तट को पार करते हुए सिकरौल और सोनपा के पास पुराने चौसा-मोहनिया मुख्य मार्ग से जुड़ेगा.
यह मार्ग चौबे डेरा, डिहरी मुख्य मार्ग और खरगपुरा से होते हुए जिले की अंतिम सीमा रामपुर के पास कैमूर जिले में प्रवेश करेगा. वहां से यह नुआंव, गारा, कुशलपुर, महेशपुर और सिसौढ़ा के बीच से निकलकर गोड़सरा, भिरखरा, कुतुबनपुर, लक्ष्मीपुर, अरिजिआरा, दसावती, पतिलवा और घेघिया होते हुए मोहनिया के पास राष्ट्रीय राजमार्ग 30 से मिलेगा.
छोटे-बड़े पुलों का निर्माण :
इस बाइपास पर कुल 22 छोटे-बड़े पुलों का निर्माण प्रस्तावित है. इनमें अखौरीपुर गोला पर फुट ओवरब्रिज और बनारपुर व सिकरौल स्थित कर्मनाशा के समीप एक किलोमीटर लंबा ओवरब्रिज शामिल है. इसके अतिरिक्त बक्सर लड़ाई मैदान के पास ओवरब्रिज, नदांव हाल्ट और बक्सर रेलवे स्टेशन के बीच रेल ओवरब्रिज का भी निर्माण होगा.
सदर प्रखंड के गुरुदास मठिया, छोटका नुआंव और दुबौली के बीच छोटे पुलों का निर्माण किया जाएगा. ठोरा नदी पर हरिपुर के पास पुल, शरीफपुर और चुन्नी के बीच दक्षिणी नहर पर पुल, कनक नारायणपुर के पास फुट ओवरब्रिज और अखौरीपुर के पास ओवरब्रिज का निर्माण भी प्रस्तावित है. बनारपुर और घेघिया के पास छोटे पुलों के साथ-साथ कटरा, पानापुर और पतिलवा में बड़े पुल बनाए जाएंगे.
यातायात व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता :
राष्ट्रीय राजमार्ग-922 के चौड़ीकरण के बाद से बक्सर में बाइपास की आवश्यकता महसूस की जा रही थी. आरा-बक्सर फोरलेन के निर्माण के बाद चौसा-मोहनिया मार्ग पर वाहनों की आवाजाही में वृद्धि हो गई है, जिससे नगर की यातायात व्यवस्था प्रभावित हो रही है. वर्तमान में आरा की ओर से आने वाले वाहन बक्सर नगर के जेल नहर पइन पर बने न्यू बाइपास होते हुए मोहनिया के पास ग्रैंड-ट्रंक रोड पर जाते हैं.
एनएच परियोजना के तहत मिली थी स्वीकृति :
जाम की समस्या को देखते हुए बक्सर में बाइपास निर्माण की स्वीकृति एनएच परियोजना के तहत दी गई है. पथ निर्माण विभाग ने केंद्र सरकार को 11,606 करोड़ रुपये की लागत वाली राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण योजना सौंपी थी. इस योजना में 12 से अधिक सड़कों के निर्माण और चौड़ीकरण का प्रस्ताव था. इसी में एनएच-922 से एनएच 30 तक नए बाइपास का निर्माण भी शामिल है.
पटना से बक्सर के लिए फोरलेन का निर्माण हो जाने के बाद अब नया बाइपास के बनने से बक्सर नगर के निवासियों और वाहनों के लिए यातायात की सुविधा में बड़ा सुधार होगा.
कहते हैं जिलाधिकारी :
यह एक महत्वाकांक्षी योजना है. एनएचएआई भारत के द्वारा संवेदक का चयन तकरीबन 6 से 7 माह पूर्व ही कर लिया गया है. इसका निर्माण किया जाना अत्यावश्यक है. निरंतर उच्च स्तर से इसकी समीक्षा भी होती है. इसके बन जाने से काफी लाभ होगा.
अंशुल अग्रवाल
जिलाधिकारी, बक्सर
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