बांग्लादेश में हिन्दुओं पर अत्याचार के खिलाफ निकाला आक्रोश मार्च

भारत सरकार से मांग की कि बांग्लादेश के साथ आयात-निर्यात, क्रिकेट और बिजली जैसे सभी संबंध तब तक स्थगित कर दिए जाएं, जब तक वहां हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार बंद नहीं हो जाते. उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि भारत सरकार निर्णायक भूमिका निभाए.









                                           


- सैकड़ों लोगों ने बक्सर नगर में जताया विरोध
- संतों और संगठनों ने की भारत सरकार से कार्रवाई की मांग

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार और चटगांव पूंडरी धाम इस्कॉन के अध्यक्ष चिन्मय कृष्ण दास प्रभु की अवैध गिरफ्तारी के विरोध में बक्सर उत्थान मंच ने विशाल आक्रोश मार्च निकाला. इस यात्रा में हिन्दू जागरण मंच, गायत्री परिवार, बजरंग दल, भाजपा नेता और विभिन्न मठों के संतों ने भाग लिया. रामरेखा घाट स्थित रामेश्वर मंदिर से शुरू होकर यह पदयात्रा पी पी रोड, ठठेरी बाजार, सत्यदेवगंज, वीर कुंवर सिंह चौक होते हुए ज्योति चौक पर समाप्त हुई. 

यात्रा के दौरान संतों और समर्थकों ने ‘हरे राम हरे कृष्ण’ का कीर्तन करते हुए नारों के माध्यम से अपना रोष व्यक्त किया. हाथों में ‘हिन्दुओं पर अत्याचार बंद करो’, ‘चिन्मय दास को रिहा करो’, ‘धार्मिक प्रताड़ना बंद करो’, ‘हिन्दू नरसंहार बंद करो’ जैसे तख्तियां लिए लोगों ने बांग्लादेशी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया.

बक्सर उत्थान मंच के संयोजक मुकुंद सनातन ने कहा, “बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार बेहद चिंताजनक हैं. 1951 में बांग्लादेश में हिन्दुओं की जनसंख्या 22% थी, जो अब घटकर मात्र 7.95% रह गई है. क्या बांग्लादेश के निर्माण के लिए हिन्दुओं ने अपना खून बहाया था, ताकि आज वे इस स्थिति का सामना करें?” उन्होंने भारत सरकार और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से सवाल करते हुए कहा कि क्या कभी बांग्लादेशी सरकार पर दबाव बनाया गया है?


संत तेजनारायण ओझा ने भारत सरकार से मांग की कि बांग्लादेश के साथ आयात-निर्यात, क्रिकेट और बिजली जैसे सभी संबंध तब तक स्थगित कर दिए जाएं, जब तक वहां हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार बंद नहीं हो जाते. उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि भारत सरकार निर्णायक भूमिका निभाए.

इस यात्रा में मनोहर दास, उपेंद्र राय, वीरेंद्र कश्यप, तुलसी चौधरी, केदार यादव, इंद्रजीत चौबे, प्रभा देवी, इंदु देवी, रोहित गुप्ता, निर्मल जायसवाल, बलराम मिश्रा, सोनू राय, धनंजय राय, दुर्गेश उपाध्याय, अंचित सिन्हा, अमित दुबे, पप्पू चौधरी, कमलेश पांडेय, राजकुमार चौधरी, सिद्धार्थ, मुना यादव, हीरा चौधरी और तेजनारायण ओझा सहित सैकड़ों लोग शामिल हुए. सभी ने एक स्वर में बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिन्दुओं के लिए न्याय की मांग की.










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