कलियुग में भजन से कई गुणा फल की प्राप्ति : श्रीमद्भागवत कथा में आचार्य भारत भूषण

उन्होंने कहा कि अन्य युगों की तुलना में कलियुग में भगवान के भजन और सत्कर्मों का फल कई गुणा बढ़ जाता है. यही कारण है कि सत्ययुग के प्राणी भी कलियुग में जन्म लेने की इच्छा रखते हैं.
कथा कहते आचार्य








                                           


- भागवत कथा में श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़
- वृंदावन के कलाकारों ने भजन संध्या से बांधा समां

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : जिले के डुमरांव प्रखंड के सुरौंधा गांव के तिलक बाबा ब्रह्मस्थान में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह के सातवें दिन प्रसिद्ध भागवत वक्ता और श्रीसनातन शक्तिपीठ संस्थानम् के अध्यक्ष आचार्य (डॉ.) भारत भूषण जी महाराज ने प्रवचन किया. उन्होंने कहा कि अन्य युगों की तुलना में कलियुग में भगवान के भजन और सत्कर्मों का फल कई गुणा बढ़ जाता है. यही कारण है कि सत्ययुग के प्राणी भी कलियुग में जन्म लेने की इच्छा रखते हैं.

प्रवचन में आचार्य भारत भूषण ने कहा कि कलियुग में नारायण भक्त अधिक संख्या में जन्म लेते हैं और केवल नाम संकीर्तन से ही वह फल मिल जाता है, जो सत्ययुग में ध्यान और समाधि, त्रेतायुग में यज्ञ तथा द्वापर युग में भगवान की पूजा से मिलता था. उन्होंने कहा कि भगवद्भक्ति और भगवान के चरणों में समर्पण ही इस संसार की सबसे बड़ी उपलब्धि है. संसार में भगवान का दर्शन सभी प्राणियों में किया जाना चाहिए और सभी के प्रति आत्मीय भाव रखना ही सच्ची भक्ति है.

उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जिस प्रकार जल तरंगों के रूप में और स्वर्ण विभिन्न आभूषणों के रूप में दिखता है, उसी प्रकार भगवान जगत के रूप में प्रकट होते हैं. जीवन आनंदमय बनाने के लिए आवश्यक है कि हम सभी एक-दूसरे का सम्मान करें और भगवद्भाव को आत्मसात करें। उन्होंने कहा कि नवयोगेश्वरों ने धर्म, भक्ति और अध्यात्म की उच्च शिक्षा दी है, जबकि भगवान दत्तात्रेय ने प्रकृति से शिक्षा लेने का संदेश अपने चौबीस गुरुओं के माध्यम से दिया.

आचार्य ने बताया कि दशम स्कंध भागवत का हृदय है और एकादश स्कंध मस्तिष्क. भगवान श्रीकृष्ण ने उद्धव को बताया था कि घोर कलिकाल में भी बदरी नारायण और श्रीमद्भागवत में उनका दर्शन संभव रहेगा. उन्होंने कहा कि यही दो स्थान भगवान के नित्य निवास हैं.

श्रद्धालुओं ने की पूजा-अर्चना :

श्रीमद्भागवत कथा के सातवें दिन सैकड़ों श्रद्धालुओं ने सर्वतोभद्र मंडल पूजन और रुद्राभिषेक में भाग लिया. इस अवसर पर प्रयागराज से पं. संजय द्विवेदी, बक्सर से पं. अनिल पांडेय, पं. गणेश जी ओझा और चित्रकूट से आए सिद्धार्थ शंकर शास्त्री ने भागवत पाठ किया. कार्यक्रम में यजमान प्रो. दिनेश तिवारी, कोषाध्यक्ष मनोज ओझा, विष्णुधर तिवारी, लक्ष्मण पांडेय, ज्ञान प्रकाश, संजय तिवारी, शिवशंकर तिवारी, विनोद तिवारी, विकास, घूरबिगन यादव और मुन्ना यादव ने पूजा-अर्चना में भाग लिया.

भजन संध्या में भावविभोर हुए श्रद्धालु :

कथा के दौरान वृंदावन से आए कलाकारों ने भजन संध्या प्रस्तुत की, जिससे श्रद्धालु भावविभोर हो गए. भजन संध्या के माध्यम से कलाकारों ने भक्ति रस की गंगा प्रवाहित की, जिसमें उपस्थित श्रद्धालुओं ने भक्ति में लीन होकर आनंद लिया.

भंडारे का आयोजन आज :

कथा की पूर्णाहुति के अवसर पर सोमवार को भंडारे का आयोजन किया गया है, जिसमें क्षेत्र के सैकड़ों श्रद्धालु शामिल होंगे.










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