वीर जवान विनोद केसरी को सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई

गंभीर स्थिति में उन्हें दिल्ली लाया गया, जहां उनकी हालत बिगड़ती गई और उन्हें बचाया नहीं जा सका. तिरंगे में लिपटा जवान का पार्थिव शरीर बक्सर पहुंचा. उनकी पत्नी वसुंधरा देवी उनके शव को देखकर बार-बार बेहोश हो जा रही थी.








                                           


- अंतिम यात्रा में गूंजे देशभक्ति के नारे, दिया गया गार्ड ऑफ ऑनर
- चरित्रवन स्थित मुक्तिधाम में हुआ अंतिम संस्कार

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : नगर के नया बाजार निवासी और भारतीय सेना के वीर जवान विनोद केसरी की ड्यूटी के दौरान तबीयत बिगड़ने से दुखद निधन हो गया. सोमवार की सुबह उनका तिरंगे में लिपटा पार्थिव शरीर बक्सर  पहुंचा. जैसे ही उनका शव घर पहुंचा, परिवार और क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई.

दिवंगत जवान के सम्मान में नगर में श्रद्धांजलि यात्रा निकाली गई. फूलों से सजे वाहन में विनोद केसरी का पार्थिव शरीर रखा गया था. उनके साथ चल रहे लोग "भारत माता की जय" और "वंदे मातरम" के नारों से इलाके को गुंजायमान कर रहे थे. अंतिम संस्कार बक्सर के मुक्ति धाम में सैन्य सम्मान के साथ किया गया, जहां गार्ड ऑफ ऑनर देकर उन्हें विदाई दी गई.

दिल्ली में इलाज के दौरान ली अंतिम सांस :

परिजनों के अनुसार, जम्मू-कश्मीर में तैनाती के दौरान ठंड के कारण उनकी तबीयत खराब हो गई थी. गंभीर स्थिति में उन्हें दिल्ली लाया गया, जहां उनकी हालत बिगड़ती गई और उन्हें बचाया नहीं जा सका. तिरंगे में लिपटा जवान का पार्थिव शरीर बक्सर पहुंचा. उनकी पत्नी वसुंधरा देवी उनके शव को देखकर बार-बार बेहोश हो जा रही थी.

संघर्षों से भरा था जीवन :

विनोद केसरी चार भाइयों में दूसरे नंबर पर थे. उनके परिवार में पत्नी और दो बेटे - 12 वर्षीय मयंक केसरी और 10 वर्षीय सूर्यांश केसरी हैं. उनके भाई प्रमोद कुमार केसरी, जो भारतीय जीवन बीमा निगम में कार्यरत हैं, ने बताया कि बचपन में पिता के निधन के बाद परिवार ने कई मुश्किलों का सामना किया. तीन भाइयों ने सेना में सेवा कर परिवार का नाम रोशन किया.

सेना में 23 वर्षों की सेवा :

विनोद केसरी वर्ष 2000 में भारतीय सेना में भर्ती हुए थे. पिछले छह महीनों से उनकी पोस्टिंग जम्मू-कश्मीर में थी. उनका निधन देश के प्रति उनकी अद्वितीय सेवा और समर्पण को सलाम करता है.










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